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Photos: 17 घंटे मौत से लड़ती रही ढाई साल की मासूम नीरू, 23 फीट टनल खोदकर निकाला गया बाहर

Dausa News: दौसा जिले के बांदीकुई में बुधवार को सायंकाल खेलते खेलते बोरवेल में गिरी ढाई वर्षीय बालिका नीरू गुर्जर को आखिरकार पुलिस प्रशासन एसडीआरएफ और एनडीआरएएफ की टीम ने 17 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया. जैसे ही बच्ची बाहर निकली तो सभी के चेहरे खिल गए तो वहीं राहत की सांस ली. 

परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलके

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परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलके
परिजनों की बच्ची के बोरवेल में गिरने से अश्रु धारा बह रही थी. वह भी थम गई और उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे. फिलहाल बालिका को बांदीकुई के उप जिला अस्पताल में ऑब्जरवेशन में रखा गया है और डॉक्टर उसकी लगातार देख-रेख कर रहे हैं. अस्पताल के पीएमओ का कहना है बच्ची को शाम तक यही रखा जाएगा उसके बाद फाइनल चेक अप कर उसे डिस्चार्ज किया जाएगा.

रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रभावी मॉनिटरिंग

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रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रभावी मॉनिटरिंग
नीरू गुर्जर के बोरवेल में गिरने की सूचना पर अजमेर के किशनगढ़ से एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई तो वहीं जयपुर के बगरू से एसडीआरएफ की टीम भी पहुंची साथ ही जयपुर और दौसा की सिविल डिफेंस टीम ने भी मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग किया. दौसा कलेक्टर देवेंद्र कुमार , एसपी रंजीता शर्मा सहित पूरा पुलिस प्रशासन का अमला रात भर मौके पर डटा रहा और रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रभावी मॉनिटरिंग करते हुए बच्ची के बोरवेल में से सकुशल निकलने की दुआ करते रहे.

पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई गई

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पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई गई
बच्ची के बोरवेल में गिरने पर पहले जेसीबी मशीनों से खुदाई का काम तत्काल शुरू किया गया तो वहीं एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम का भी इंतजार किया गया. एनडीआरएफ की टीम ने बच्ची को सीधा बोरवेल में रिंग डालकर निकालने का प्रयास किया लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली हालांकि बच्ची की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए बोरवेल में सीसीटीवी कैमरे डालकर निगाह रखी गई तो वहीं पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई गई बच्ची को खाने पीने की चीज भी बोरवेल में रस्सी के सारे पहुंचाई गई और परिजनों द्वारा बच्ची को लगातार आवाज दिलवाई गई ताकि बच्ची मूवमेंट करती रहे.

सुरंग बनाकर कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया

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सुरंग बनाकर कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया
आखिरकार बोरवेल के बराबर में खुदाई की गई और उसमें से अंदर एक सुरंग बनाकर कड़ी मशक्कत के बाद 17 घंटे में बच्ची को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने सकुशल बाहर निकाल लिया. इसके बाद सभी ने राहत की सांस ली कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने बालिका के रेस्क्यू ऑपरेशन में जिन-जिन का सहयोग रहा. उन सभी का आभार व्यक्त किया. साथ ही कलेक्टर ने जिले के सभी जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल निर्देशित भी किया कि जिले के सभी बोरवेल चिन्हित किया जाए और जो खुले हुए हैं या धंसे हुए हैं, उनको तत्काल प्रभाव से मॉनिटरिंग करते हुए भरा जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति नहीं हो.