दौसा में आखिर क्यों शाम ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर है लोग?
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दौसा में आखिर क्यों शाम ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर है लोग?

दौसा शहर के लोग पिछले लंबे समय से डर और भय के साए में जीवन यापन कर रहे हैं. वजह है कि जंगलों में विचरण करने वाला पैंथर अब शहर की बस्तियों में विचरण करने लगा है, जिसके चलते लोगों को पैंथर के हमले का डर सता रहा है. 

दौसा में आखिर क्यों शाम ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर है लोग?

Dausa: शहर में न कोई लड़ाई न कोई दंगे ना ही बदमाशों का कोई खौफ लेकिन फिर भी शहर के लोग डर और दहशत के माहौल में जीने को मजबूर हैं. शाम ढलते ही लोग घरों में कैद हो जाते हैं. साथ ही बच्चों को भी घरों में बंद रखा जा रहा है. आखिर दौसा जिला मुख्यालय के लोगों को किसका डर सता रहा है, जिसके चलते वो इतने भयभीत है कि घर से बाहर निकलना भी मुनासिब नहीं समझ रहे है. डर और दहशत के चलते लोग इतने भयभीत हैं कि वह अगर रात में कोई जरूरी काम से घर से बाहर निकलना हो तो झुंड बनाकर ही निकल रहे हैं. वहीं, बच्चों का खेलना, कूदना, घूमना, फिरना भी परिजनों ने बंद कर दिया है. 

दरअसल दौसा शहर के लोग पिछले लंबे समय से डर और भय के साए में जीवन यापन कर रहे हैं. वजह है कि जंगलों में विचरण करने वाला पैंथर अब शहर की बस्तियों में विचरण करने लगा है, जिसके चलते लोगों को पैंथर के हमले का डर सता रहा है. लोग अपना जीवन बचाने के लिए घरों में कैद हो रहे हैं. दौसा जिला मुख्यालय की पहाड़ी पर पिछले 2 साल से पैंथर परिवार का बसेरा है. पहले भी पैंथर परिवार पहाड़ी पर ही घूमते दिखाई देते थे, लेकिन उसके बाद पहाड़ी से लगी बस्तियों में आना शुरू कर दिया, जहां दर्जनों पालतू पशुओं को अपना निवाला बना चुके हैं. 

अब तो पैंथर पहाड़ी से लगी बस्तियों में नहीं बल्कि पहाड़ी से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित दौसा शहर की मुख्य बस्तियों में भी पहुंचने लगा है, जिसके चलते लोग दहशत में है. पैंथर रात में पहाड़ी से उतरकर शहर की दर्जनों बस्तियों को पार करता हुआ बजरंग मैदान , मान गंज , क्रय विक्रय समिति सहित कई कालोनियों की तरफ देखा गया तो वही रात में शहर के रास्तों में घूमते पैंथर का वीडियो शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गया.

सीसीटीवी फुटेज में पैंथर शहर की कॉलोनियों में घूमता हुआ दिखाई दे रहा है. शहर में घूमता पैंथर का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोग हैरान रह गए और सकते में आ गए. एक बार तो लोगों को यकीन नहीं हुआ कि इंसानों की बस्ती में जंगल में रहने वाला पैंथर कहां से पहुंच गया, लेकिन जब लोगों ने वीडियो देखा तो वह भी दंग रह गए. 

वहीं, जब वीडियो दौसा वन विभाग तक पहुंचा तो वन विभाग के अधिकारियों के भी कान खड़े हो गए. आखिर जंगलों में रहने वाला पैंथर बस्तियों में क्यों पहुंच रहा है. इसको लेकर वन विभाग के अधिकारी भी हैरान है. शहर में घूमते पैंथर की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी भी उन इलाकों में पहुंचे, जहां पैंथर का मूमेंट देखा गया. साथ ही पैंथर की निगरानी और सतर्कता के लिए शहर में वन विभाग की टीमों को गश्त पर लगाया गया है, ताकि समय रहते पैंथर को पकड़ा जा सके और शहर के लोगों को सुरक्षित रखा जा सके. 

शहर में पैंथर के मूवमेंट को लेकर लोगों का कहना है कि हमेशा पैंथर के हमले का डर बना रहता है. सुबह शाम एक ओर जहां बुजुर्ग महिला-पुरुष बजरंग मैदान में मॉर्निंग वॉक और इवनिंग वॉक के लिए जाते हैं तो वहीं बड़ी तादाद में बच्चे भी खेलते हैं, लेकिन मैदान के आसपास पैंथर के देखने से अब लोगों में डर और भय का माहौल पैदा हो गया है. बच्चों का घरों से निकलना बंद कर दिया है, तो वही शाम होते ही बड़े भी घरों में ही कैद हो जाते हैं. शहर के लोग अब पैंथर के भय से मुक्ति मिले इसको लेकर दौसा जिला पुलिस प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं. 

दौसा वन विभाग के डीएफओ वी केतन कुमार का कहना है कि पैंथर का पहाड़ी से उतरकर शहर में पहुंचना अचरज का विषय है. हालांकि वन विभाग द्वारा पैंथर को ट्रैक करने का और पकड़ने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. वहीं निगरानी के लिए विभाग की टीम भी शहर में तैनात कर दी गई है. साथ ही डीएफओ ने शहर के लोगों से भी अपील की है कि एहतियात बरते सतर्क रहें और कहीं भी पैंथर दिखाई दे तो सीधा वन विभाग को या पुलिस थाने को सूचित करें.

पैंथर के शहर में मूवमेंट को लेकर वन विभाग दौसा पुलिस नियंत्रण कक्ष में बने अभय कमांड सेंटर के माध्यम से भी पैंथर के मूवमेंट की निगरानी कर रहा है. शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों का केंद्र अभय कमांड सेंटर में है. वन विभाग का प्रयास है कि कैमरे के माध्यम से अगर पैंथर ट्रेक होता है, तो लोकेशन के आधार पर उसे तुरंत ट्रेंकुलाइज कर लिया जाएगा. 

दौसा शहर की पहाड़ी पर पिछले 2 साल से पैंथर परिवार का बसेरा है. हालांकि एक पैंथर को कुछ दिन पूर्व वन विभाग द्वारा पिंजरे में कैद कर लिया गया था, लेकिन तीन पैंथर अभी और पहाड़ी पर बताये जा रहे हैं. संभवतया उन्हीं में से एक पैंथर शहर में घूमता हुआ दिखाई दिया है. समय रहते पैंथर को पकड़ा नहीं गया और हमले में कोई जनहानि हुई तो शहर में बवाल खड़ा हो सकता है. ला एंड आर्डर भी बिगड़ने की स्थिति बन सकती है. पैंथर के शहर में विचरण करने से एक ओर जहां लोगों में डर और भय है तो वहीं दूसरी ओर सिस्टम के प्रति आक्रोश भी व्याप्त है. हालांकि वन विभाग पैंथर को पकड़ने का लोगों को भरोसा दे रहा हैं, लेकिन सवाल यह है कि आखिर लोगों को पैंथर के डर से मुक्ति कब मिलेगी. 

Reporter- Laxmi Avatar Sharma 

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