बांदीकुई: आवारा सांडों का आतंक, सड़कों पर आपस में भिड़े सांड
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बांदीकुई: आवारा सांडों का आतंक, सड़कों पर आपस में भिड़े सांड

Bandikui News: जिले में सांडों का आतंक बना हुआ है. बांदीकुई शहर में बसवा रोड़ पर दो सांड आपस में भिड़ गए. दोनों में जबरदस्त लड़ाई हुई, तो वहां से गुजरने वाले लोगों की जान पर आफत आ गई.

 

बांदीकुई: आवारा सांडों का आतंक,  सड़कों पर आपस में भिड़े सांड

Bandikui News, Dausa: राजस्थान के दौसा जिले में सांडों का आतंक बना हुआ है. सांड दिनभर बाजारों में सड़कों पर विचरण करते दिखाई देते हैं. इस दौरान सांड आपस में झगड़ने भी लगते हैं, तो लोगों की जान पर आफत आ जाती है. सांडों के हमले से जिले में अब तक कई लोग जान भी गंवा चुके हैं. 

हालांकि सांडों की लड़ाई के दौरान लोग इधर-उधर भाग कर जान बचाने का प्रयास करते हैं, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं सांडों की चपेट में आई ही जाते हैं, जिसके चलते या तो मौत का शिकार होते हैं या फिर घायल होकर अंग-भंग हो जाते हैं. वहीं, सिस्टम में जमे जिम्मेदारों को यह सब दिखाई नहीं देता, जिसके चलते जिले में लोगों की जान पर सांडों के आतंक से आफत बनी हुई है. 

बीती रात दौसा के बांदीकुई शहर में बसवा रोड़ पर दो सांड आपस में भिड़ गए. सांडों की एक-दूसरे से जबरदस्त लड़ाई हुई, तो वहां से गुजरने वाले लोगों की जान पर आफत आ गई. वहीं, बाजार में लगे थड़ी ठेले वाले भी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते दिखाई दिए. हालांकि लोगों ने बमुश्किल दोनों सांडों को अलग किया, लेकिन एक बार अफरा-तफरी का माहौल बन गया.

लोगों की माने तो सांड आए दिन इसी तरह आपस में झगड़ते रहते हैं या फिर रास्ते से गुजरने वाले लोगों पर हमला भी करते हैं. बांदीकुई शहर में पिछले दिनों हुए सांडों के हमलों में अब तक 3 लोग काल का ग्रास बन चुके हैं, तो कई लोग जख्मी भी हो चुके हैं, लेकिन ना तो नगरपालिका प्रशासन को यह दिखा देता ना ही प्रशासनिक अमले को. 

सांडों के आतंक की समस्या अकेले बांदीकुई शहर की नहीं बल्कि जिलेभर में है. शहर ही नहीं गांव में भी सांड खुलेआम विचरण करते हैं. लोगो की माने तो कई बार सिस्टम में बैठे जिम्मेदारों को अवगत भी कराया गया, लेकिन किसी ने भी इसका स्थाई समाधान नहीं किया.

इसके चलते जिले के निर्दोश लोगों की जान पर आफत बनी है. अब लोगों की मांग है कि उन्हें बेवजह मौत का शिकार होने से बचाएं और खुलेआम बाजारों-सड़कों में विचरण करने वाले सांडों को नंदी शालाओं में पहुंचाएं, जिससे लोग सड़कों पर आवाजाही के समय अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें. 

Reporter- Laxmi Sharma

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