Churu: सुजानगढ़ में युवाओं ने संभाली, लम्पी बिमारी से गौवंश को बचाने की जिम्मेदारी
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Churu: सुजानगढ़ में युवाओं ने संभाली, लम्पी बिमारी से गौवंश को बचाने की जिम्मेदारी

 चुरू के सुजानगढ़ में छापर की सेवा समिति के लोग निःस्वार्थ भाव से रात दिन लम्पी से जूझ रहें गौवंश को बचाने जुटें हैं. आइसोलेशन वार्ड में लगभग लम्पी से ग्रषित 100-150 गायों का इलाज अभी चल रहा है, 200-250 गायों का इलाज कर के उनको रिलीज कर दिया गया है.

लम्पी संक्रमित गाय की सेवा करते समिति सदस्य

Churu: चुरू के सुजानगढ़ में छापर कस्बे में लम्पी से जूझ रहें गौवंश की सेवा के लिए आगे आई छापर की सेवा समिति. समिति के लोग निःस्वार्थ भाव से रात दिन गौवंश को बचाने जुटें हैं. इस दौरान छापर के रामधाम पंडाल में शिविर का आयेजन किया गया. कस्बे के युवाओं द्वारा स्वयं के संसाधनों से रामधाम पंडाल में एंबुलेंस, मेडिकल सुविधाओं सहित आइसोलेसन सेंटर बनाया गया है. युवाओं के साथ प्राइवेट पशुधन सहायक भी गौवंश की सेवा कर रहें है.

रामधाम पंडाल जो कि किसी प्रकार के सरकारी सहयोग से संचालित नहीं होता है, यहां गंभीर हालत में निराश्रित गौवंश को एंबुलेंस की सहायता से लाया जा रहा है और उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है. लम्पी बिमारी से पीड़ित गौमाता के लिए गो सेवा समिति छापर द्वारा राम धाम पांडाल मे आइसलोसन वार्ड बनाकर गांव की निराश्रित गायों की सेवा की जा रही है. आइसोलेशन वार्ड में लगभग लम्पी से ग्रषित 100-150 गायों का इलाज अभी चल रहा है, 200-250 गायों का इलाज कर के उनको रिलीज कर दिया गया है. 

गौ शाला संचालक कमल रतावा ने बताया कि निजी टेन्ट हाउस मलिक छापर द्वारा गायों के लिए निशुल्क टेंट सुविधा तथा डॉ. पवन कुमार के निदेशन में प्राइवेट पशुधन सहायक धर्माराम गोदारा व सुधीर दूत की देखरेख में इलाज कर रहें हैं. पिछले लंबे समय से रामधाम पांडाल में गौ सेवकों द्वारा गौवंश को बचाने के लिए की जा रही मुहिम निश्चय ही एक उदाहरण है कि, अपने स्तर पर अगर प्रयास किये जायें तो बीमारी को विकराल रूप लेने से रोका जा सकता है.

Reporter - Gopal Kanwar

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