Code of Conduct: आचार संहिता के फांस में फंस गए शिक्षक, चुनावी चौपाल से रहें दूर, डीएम ने लिया एक्शन
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Code of Conduct: आचार संहिता के फांस में फंस गए शिक्षक, चुनावी चौपाल से रहें दूर, डीएम ने लिया एक्शन

Code of Conduct: आचार संहिता, चुनाव आते ही ये शब्द स्वत:चर्चा में आ जाता है, आखिर ये क्या है? लोगों और विशेष तौर पर सरकारी पदों पर कार्यरत कर्मचारियों, अधिकारियों को इसके बारे में जानना जरूरी है. क्योंकि चूरू में एक शिक्षक का आचार संहिता के दौरान मंच साझा करना भारी पड़ गया.

 

Code of Conduct: आचार संहिता के फांस में फंस गए शिक्षक, चुनावी चौपाल से रहें दूर, डीएम ने लिया एक्शन

Code of Conduct: चूरू से शिक्षकों को लिए अलर्ट करने वाली खबर है. आचार संहिता के दौरान राजनेताओं के साथ मंच साझा करना शिक्षक को भारी पड़ गया. राजनेताओं के साथ मंच साझा करने की तस्वीरें वायरल होने के बाद चूरू जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने सुजानगढ़ में कार्यरत शारीरिक शिक्षक रामचंद्र गोदारा को एपीओ कर दिया है.एपीओ के दौरान गोदारा का मुख्यालय जिला कलेक्टर कार्यालय किया गया है.

आचार संहिता का जरूर करें पालन

 जिला कलेक्टर के आदेश के अनुसार राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की शिकायत होने के बाद रिटर्निंग अधिकारी सुजानगढ़ ने सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जांच करवाई गई.आदेश के अनुसार जांच रिपोर्ट एवं कारण बताओ नोटिस के प्रत्युतर एवं विभिन्न माध्यमों से मिली शिकायतों में जनप्रतिनिधियों के साथ शारीरिक शिक्षक रामचन्द्र गोदारा उपस्थिति मिलने की पुष्टि होने पर एपीओ कर मुख्यालय जिला कलेक्टर कार्यालय किया गया है.

अधिनियम 1951 की धारा 134 के तहत कार्रवाई

आदेश में जिला निर्वाचन अधिकारी ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 के तहत कार्रवाई को प्रस्तावित कर राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) 1958 के अन्र्तगत तुरन्त प्रभाव से एपीओ करने एवं मुख्यालय जिला कलेक्टर कार्यालय चूरू करने का उल्लेख किया है.

 मंच साझा करने की तस्वीरें वायरल

गौरतलब है कि निकटवर्ती गांव मलसीसर में गत 14 अक्टूबर को आयोजित मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में विधायक मनोज मेघवाल सहित अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ सरकारी शिक्षक रामचंद्र गोदारा के मंच साझा करने की तस्वीरें वायरल हुई थी.

यदि नहीं करेंगे पालन तो बढ़ सकती हैं, मुश्किलें

आचरण संहिता का पालन नहीं करने पर शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों को अप्रिय स्थिति से गुजरना पड़ सकता है .आदर्श आचरण संहिता में उन सभी बातों को शामिल किया गया है, जिनकी जानकारी सभी शासकीय विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा नगरीय निकाय के पदाधिकारियों को होनी चाहिए.

वैसे आप सबको बता दें कि यदि सरकारी संस्था में काम कर रहे हैं. सरकारी कर्मचारी हैं, तो आपको चुनावी चौपाल और बहस से दूर रहना चाहिए. किसी भी राजनैतिक मंच पर ना शामिल हों, किसी दल का प्रचार ना करें, यदि ऐसा करते हैं तो आचार संहिता का उल्लघंन होगा. आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

Reporter- Navratan Prajapat

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