सरदारशहर: दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह का हुआ आयोजन, साधु जीवन के प्रति किया जागरूक
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सरदारशहर: दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह का हुआ आयोजन, साधु जीवन के प्रति किया जागरूक

 चुरू के सरदारशहर में दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह का आयोजन किया गया. जहां साधु जीवन के आचार विचार के प्रति जागरूक किया गया. 

सरदारशहर: दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह का हुआ आयोजन, साधु जीवन के प्रति किया जागरूक

Sardarshahar: आधुनिकता और हाईटेक हुई जिंदगी में आम तौर पर युवाओं और अल्पायु बच्चों का टीवी, मोबाइल और कंप्यूटर की तरफ रुझान तो बढ़ रहा है. मगर इन सब से परे अध्यात्म की ओर भी बच्चे बढ़ रहे है. यह वास्तव में संस्कारों की बदौलत होता होगा. ऐसा ही वाकिया सरदारशहर में देखने को मिला है. जिसे देखकर हर कोई हतप्रभ है.

 साधु जीवन के आचार विचार के प्रति किया जागरूक 

तेरापंथ भवन दीक्षार्थी मुमुक्षु दक्ष नखत का भव्य वरघोड़ा उनके पैतृक निवास बच्छराज नखत के निवास, जवाई चौक से रवाना होकर सुजानमल दूगड़ के पैतृक निवास से होते हुए पुरानी एलआईसी रोड, मेन बाजार, घंटाघर से होते हुए तेरापंथ भवन में पहुंचा. जहां पर साध्वी सुमति प्रभा जी ठाणा की सन्निधि में दीक्षार्थी भाई की अभिवंदना में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. महिला मंडल की तरफ से अनीता धाडेवा ने मंगलाचरण किया. मुमुक्षु सलोनी बाई ने अपने लाडले भाई के प्रति मंगल भावना व्यक्त करते हुए कहा तुम हमेशा गुरुदेव की इंगित की आराधना करना, साधु जीवन के आचार विचार के प्रति जागरूक रहना. 

साध्वी चारित्र यशा ने कहा वे माता-पिता, पारिवारिक जन धन्य होते हैं जो अपने कलेजे की कोर को गुरु चरणों में समर्पित करते हैं, जो अपने बुढ़ापे की लाठी को गुरु चरणों में समर्पित करते हैं. मुमुक्षु दक्ष सौभाग्यशाली है कि इसकी मम्मी ने इसे बचपन से ही ऐसे संस्कारों में ढाला. साध्वी सुमति प्रभा ने मुमुक्षु दीक्षार्थी दक्ष के प्रति मंगल भावना व्यक्त करते हुए कहा यह मेरे संसार पक्षीय भुआसा का पोता है. बचपन से ही इसके मन में त्याग वैराग्य की प्रवृत्ति रही है. जब यह 5 वर्ष का बच्चा था तब सन् 2014 दिल्ली चतुर्मास में इसे एक दिन सेवा करा रही थी और दीक्षा के लिए प्रेरित कर रही थी. तब साध्वी विशाल यशा एक कागज का टुकड़ा लाई जिस पर लिखा हुआ था- मैं दीक्षा लूंगा. उस पर इसने अपने सिग्नेचर कर दिए. 

आज इस ने जैसा कहा था वैसा करके दिखा दिया. अंत में साध्वी श्री ने फरमाया गुरु दृष्टि की आराधना करना, संयम में खूब पराक्रम करना, सुविधा वादी मत बनना. कभी पीछे मुड़कर मत देखना. पैतृक भूमि सरदार शहर के ऋण से ऋणमुक्त होने का प्रयास करना. इसके माता-पिता को साधुवाद जिन्होंने अपने दोनों बच्चों का शत-प्रतिशत दान का सौभाग्य प्राप्त हुआ. सरदारशहर पूज्य गुरुदेव ने महती कृपा कर सरदारशहर के श्री दक्ष नखत पुत्र दीपक - बिंदु देवी नखत की जैन भगवती दीक्षा 8 दिसंबर, 2022 को सिरियारी में फरमाई है. 

दीक्षार्थी दक्ष ने भी श्रावक समाज को आह्वान करते हुए कहा बच्चे परिवार समाज व संघ का भविष्य है. माता पिता का फर्ज बनता है कि उन्हें बचपन से ही धार्मिक संस्कार दें. उन्हें लोरी की जगह प्रतिक्रमण की पाटी सुनाये, लोगस्य की पाटी सुनाएं. यदि घर में कोई दीक्षा लेने के लिए तैयार हो तो उसे मना न करें.

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कार्यक्रम के दौरान सभा अध्यक्ष श्रीमान सिद्धार्थ जी चिंडालिया, तेरापंथी महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती सुषमा जी पींचा, युवक परिषद मंत्री धीरज छाजेड़ , अणुव्रत समिति उपाध्यक्ष सुमन भाई भंसाली, ज्ञानशाला की तरफ से श्रीमती सुनीता जी कुंडलिया एवं हृदय मंडल कन्या मंडल की तरफ से सुश्री चंचल नखत, सभा मुख्य ट्रस्टी श्रीमान राजेश जी बुच्चा एवं नखत एवं दूगड़ परिवार ने सामूहिक गीतिका का संगान किया. दक्ष के दादीसा श्रीमती मंजू देवी नखत, राजेश जी डोसी, दादाजी सुजानमल जी दूगड़, दक्ष के पिताजी दीपक नखत, भंवरलाल जी नखत आदि ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी. सभा संस्थाओं की तरफ से दीक्षार्थी दक्ष नखत का जैन ध्वज पहनाकर एवं धार्मिक पुस्तकें भेंट कर सम्मान किया गया. श्रावक समाज की कार्यक्रम में अच्छी उपस्थिति रही.

रिपोर्टर: गोपल कंवर

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