सरदारशहर का बदलावः कभी भिड़ंत के लिए यहां के दो गुट रहते थे चर्चाओं में, अब सेवाकार्य से लूट रहे तारीफ
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सरदारशहर का बदलावः कभी भिड़ंत के लिए यहां के दो गुट रहते थे चर्चाओं में, अब सेवाकार्य से लूट रहे तारीफ

चूरू का बुकनसर बास अक्सर दो समुदायों के बीच लड़ाई को लेकर चर्चाओं में रहता है, यहां कई बार लड़ाई झगड़े हो गए हैं. जिसके चलते इस वार्ड के युवा कई बार जेल की हवा भी खा चुके हैं. अब ये वार्ड सेवाकार्य की वजह से इन दिनों चर्चाओं में हैं.

सरदारशहर का बदलावः कभी भिड़ंत के लिए यहां के दो गुट रहते थे चर्चाओं में, अब सेवाकार्य से लूट रहे तारीफ

सरदारशहरः चूरू का बुकनसर बास अक्सर दो समुदायों के बीच लड़ाई को लेकर चर्चाओं में रहता है, यहां कई बार दो समुदायों के बीच लड़ाई झगड़े हो गए हैं. जिसके चलते इस वार्ड के युवा कई बार जेल की हवा भी खा चुके हैं. अब एक बार फिर से इस वार्ड के युवा इन दिनों चर्चाओं में हैं, लेकिन इस बार इस वार्ड के युवाओं द्वारा किए जा रहे अच्छे काम के लिए इस वार्ड के युवा चर्चाओं में हैं.

इस वार्ड के युवा अब हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहे हैं. दरअसल लंपी वायरस तहसील क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में गायों की ग्रामीण क्षेत्रों में मौत हो रही है, जबकि सरकारी आंकड़ा है वह बेहद कम है.

इस बीच अब लंपी वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सामाजिक संगठन भी आने लगे हैं. बढ़ते लंपी वायरस के संक्रमण को देखते हुए शहर के वार्ड 31 बुकनसर बास के युवाओं द्वारा अस्थाई रूप से पिछले 1 महीने से गो चिकित्सालय बनाया गया है.

यह गो चिकित्सालय सभी धर्मों के लोगों के सहयोग से चलाया जा रहा है, विशेष रूप से इसमें युवाओं की टीम काम कर रही है. स्थानीय निवासी शाहिद खान (भज्जू ठेकेदार) व राजू टेलर ने शनिवार को बताया कि हिंदू मुस्लिम सभी जाति के लोगों द्वारा इस गो चिकित्सालय में गायों की सेवा की जा रही है, देखभाल की जा रही है. बीमार गोवंश को यहां लाकर इनका उचित उपचार किया जा रहा है. जिसमें युवाओं की तीन टीमों का गठन किया गया. जिसमें तीन अलग-अलग युवाओं की टीम काम कर रही हैं. इस काम को लेकर युवाओं में खासा उत्साह में नजर आ रहा है.

युवाओं ने बताया कि हम अपने नाम के लिए यह काम नहीं कर रहे हैं, हमें गोवंश की सेवा करने से आत्म संतुष्टि मिल रही है. युवाओं को जहां से भी शहर में गोवंश के लंपी से पीड़ित होने की सूचना मिलती है. युवा तुरंत निजी साधन की मदद से उसको गो चिकित्सालय लेकर आते हैं. 

वार्ड के राकेश ने बताया की इस गो चिकित्सालय में छोटे-छोटे बच्चे भी अपना बढ़-चढ़कर योगदान दे रहे हैं. गोवंश के सही होने के बाद में उनको वापस खुले में छोड़ दिया जाता है. हम अन्य वार्ड वासियों व अन्य वार्ड पार्षदों से भी निवेदन करते हैं कि वह भी अपने अपने वार्ड में अस्थाई रूप से इस प्रकार के गो चिकित्सालय बनाकर गोवंश की सेवा करें, क्योंकि इस समय गोवंश पर बहुत बड़ा संकट आया हुआ है.

शहर के वार्ड 31 बुकनसर बास के युवाओं द्वारा गोवंश के लिए अच्छा काम किया जा रहा है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस बार गोवंश पर संकट बहुत बड़ा है. सैकड़ों की संख्या में गोवंश की प्रतिदिन जान जा रही है. लंपी संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश की सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है, पर इस बीमारी को रोकने के लिए हर किसी को आगे आना होगा. जिस तरह कोरोना के दौरान हर कोई आगे आकर इस बीमारी की रोकथाम के लिए प्रयास कर रहा था.

उसी प्रकार के प्रयास की अब जरूरत है. अब गोवंश को बचाने के लिए हमें आगे आना होगा. तभी इस बीमारी को रोका जा सकता है. अन्यथा आने-वाले समय में यह बीमारी और भयावह होगी.

Reporter- Gopal Kanwar

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