भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति को दी लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि, किसानों के सम्मेलन के लिए टीमों का किया गठन किया
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भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति को दी लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि, किसानों के सम्मेलन के लिए टीमों का किया गठन किया

भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति के संरक्षक मांगीलाल बिलोट, भारतीय जागरूक किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभियंता अनिल सुखवाल, भैरुलाल जटिया, अनिल शर्मा सहित किसानों ने राजस्थान, मध्यप्रदेश के1 लाख 60 हजार अफीम किसानों की मांगों को पूरा करने की केन्द्र सरकार को सद्बुद्धि देने

भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति को दी  लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि, किसानों के सम्मेलन के लिए टीमों का  किया गठन किया

chittorgarh News: भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति के संरक्षक मांगीलाल बिलोट, भारतीय जागरूक किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभियंता अनिल सुखवाल, भैरुलाल जटिया, अनिल शर्मा सहित किसानों ने राजस्थान, मध्यप्रदेश के1 लाख 60 हजार अफीम किसानों की मांगों को पूरा करने की केन्द्र सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा के सामने प्रार्थना कर श्रद्धांजलि अर्पित की. चित्तौड़गढ़ सांसद कार्यालय के पास स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देने के बाद भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति ने मांगी लाल मेघवाल बिलोट की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया जिसमें मध्यप्रदेश के नीमच जिला मुख्यालय पर आगामी 19 अक्टूबर को आयोजित होने वाले अफीम किसानों के सम्मेलन के लिए प्रचार प्रसार की रूपरेखा तैयार कर गांव गांव में प्रचार प्रसार के लिए टीमों का गठन किया.

भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति के संरक्षक मांगीलाल मेघवाल ने चित्तौड़गढ़ में बताया कि आगामी 19 अक्टूबर को राजस्थान मध्यप्रदेश के सभी अफीम किसानों का सम्मेलन नीमच में आयोजित होने जा रहा है जिसमें अफीम किसानों की तेरह वर्षों से चली आ रही पांच सूत्री मांगों पर चर्चा की जाएगी. मांगीलाल ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले से सभी अफीम किसानों का समूह नीमच में आयोजित होने वाले सम्मेलन में भाग लेने के लिए गांवों में जनसंपर्क अभियान चालू कर दिया गया है.

मांगीलाल मेघवाल ने कहा कि 19 अक्टूबर को राजस्थान मध्यप्रदेश के सभी अफीम किसान नीमच जिला मुख्यालय पर सम्मेलन का आयोजन करने जा रहे हैं जिसमें सभी अफीम किसान शान्ति प्रिय तरीके से संवैधानिक तौर पर अपनी मांगों पर बात करेंगे किसी प्रकार का उग्र और हिंसक आंदोलन की पैरवी हम नहीं करते हैं और ना ही कभी करेंगे चाहे हमें शांति प्रिय ढंग से मांग करने में पूरी उम्र क्यों ना गुजर जाएं हमारा संघर्ष अनवरत जारी रहेगा.

अपनी पांच सूत्री मांगों को दोहराते हुए मांगीलाल ने कहा कि वर्ष 1997-98 में अफीम खेती कर चुके सभी किसानों को विभिन्न कारणों से काटे गये सभी अफीम पट्टे जैसे घटिया, गाढता, वाटरमिक्स, सस्पेक्टेड, लो-मार्फिन, औसत कमी, या अन्य किसी कारण से काटे सभी अफीम पट्टे समान आरी के लुराई, चिराई के दिये जाए.

दूसरी मांग में किसानों पर थोपा गया मार्फिन नियम और सीपीएस पद्धति समाप्त कर औसत आधार पर पट्टे दिये जाये क्योंकि मार्फिन प्रकृति पर निर्भर है, किसान के हाथ में नहीं. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष धोखे से थोपे गये सीपीएस पट्टे निरस्त कर सभी किसानों को लुराई चिराई के अफीम पट्टे दिये जाए क्योंकि नीमच फैक्ट्री के भ्रष्टाचार के कारण हम सीपीएस मे फंसे पडे हैं.

तिसरी मांग को बताते हुए उन्होंने बताया कि अफीम का अन्तर्राष्ट्रीय मूल्य को मानक मान कर किसानों को अफीम का मूल्य दिया जाए. हमारे द्वारा कभी भी सीपीएस की मांग नही की गयी थी फिर भी अनावश्यक तौर सीपीएस के उलझनों मे घीसटा जा रहा हैं, सीपीएस उन सभी किसानों को दो जिन परिवारों ने जीवन में कभी खेती नही की है.

चोथी मांग अनुसार डब्ल्यू टी ओ कानुन रद्द कर कृषि व कृषि उपज का विदेशी आयात बन्द कर मेक इन इंडिया-मेड बाय किसान सार्थक सिद्ध किया जाए. पांचवीं और अंतिम मांग में एनडीपीएस एक्ट की धारा 8 बटा 29 और 8 बटा 15 को समाप्त कर डोडा चुरा को एनडीपीएस एक्ट से हटा कर आबकारी विभाग में जोड़ा जाए.

अंत में सभी अफीम किसानों को सम्बोधित करते हुए मांगीलाल ने कहा कि अभी खेती का समय चल रहा है , सोयाबीन निकाल कर सरसों बोना है , मजदुर नहीं मिल रहे है, समय नही हैं, लेकिन अफीम के पट्टे भी उन सभी किसानों को चाहिए जिनके सोयाबीन व सरसों की बुवाई करनी है इसलिए यदि इस वर्ष 2 पॉलिसी जारी हुई है सीपीएस और एक लुवाई चिराई यदि अगले वर्ष लुवाई चिाराई बन्द कर दी गयी तो हम कुछ भी कहने सुनने लायक नही रहेंगे इसलिए अपना अमूल्य व कीमती समय निकाल कर 19 अक्टूबर 2022 को परिवार से एक सदस्य को परिवार से भेज कर परम्परागत अफीम खेती को बचाने में सहयोग प्रदान करें अन्यथा अफीम खेती भविष्य में लुप्त होने के कगार पर होगी.

Reporter: Deepak Vyas

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