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चित्तौड़गढ़: जिले के मण्डफिया सांवलियाजी गांव में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति वर्तमान में दयनीय बनी हुई है. जानकारी के अनुसार सांवलियाजी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुछ वर्षों पहले रेफरल चिकित्सालय हुआ करता था. जो अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवर्तित हो गया. वर्तमान में इस चिकित्सालय में चिकित्सक के आठ पद सृजित हैं. आठ पदों में से एक भी पद पर चिकित्सक नियुक्त नहीं है. एक चिकित्सक जो नियुक्त हैं वह भी स्थानांतरित हैं.
कुछ वर्षों पहले यहां पर एक विशेषज्ञ चिकित्सक नियुक्त था जिसे भी राजनीति का शिकार होना पड़ा. व्यक्ति विशेष को लाभ देने को लेकर सांवलियाजी कस्बे के नेताओं ने उस चिकित्सक का दो बार ट्रांसफर करवा दिया. सांवलियाजी मंदिर मंडल के द्वारा प्रतिवर्ष इस चिकित्सालय को लाखों रुपए का अनुदान दिया जाता है. वर्तमान में यह चिकित्सालय सरकार की नजर से दूर रह रहा है. एक और तो सरकारें चिकित्सा व्यवस्था को लेकर सजग है, लेकिन सांवलियाजी कस्बे के तथा आस पास के लोगों को उपचार कराने के लिए अन्यत्र जाना पड़ता है.
इस चिकित्सालय के बारे में जी मिडिया के साथी के द्वारा पड़ताल करने पर सामने आया कि वर्तमान में इस चिकित्सालय की दयनीय स्थिति बनी हुई है. इस चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है, चिकित्सा कर्मियों की भी भारी कमी है. विगत 10 वर्षों से चिकित्सक के पद रिक्त पड़े हैं. रेफरल चिकित्सालय से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवर्तित होना भी चर्चा का विषय बना हुआ है.
लोगों ने सरकार से भी मांग की है कि यहां पर चिकित्सकों की नियुक्ति करवाई जाए, जिससे लोगों को उपचार के लिए अन्यत्र नहीं जाना पड़े. सांवलियाजी कस्बे में भगवान श्री सांवलिया सेठ का प्रसिद्ध मंदिर है. जहां पर प्रतिदिन हजारों श्रृद्धालु सांवलियाजी पहुंचते हैं. कई श्रृद्धालुओं की तबीयत बिगड़ने से उनकी मौत भी हो गई तथा कई को उपचार करवाने के लिए अन्यत्र भी जाना पड़ता है. यह भी चर्चाओं का विषय बना हुआ है. इस बारे में लोगों से बात करने पर उन्होंने अपने विचार बताएं.
Reporter- Deepak vyas
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