केशवराय पाटन: सड़क की बदहाली को लेकर आंदोलन, कहा-रोड़ नहीं बनेगी तो नहीं डालेंगे मत
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केशवराय पाटन: सड़क की बदहाली को लेकर आंदोलन, कहा-रोड़ नहीं बनेगी तो नहीं डालेंगे मत

केशोरायपाटन पंचायत समिति क्षेत्र के जयस्थल गांव के लोग आज भी सड़क की बदहाली को लेकर आंदोलनरत है. ग्राम वासियों का कहना है कि जयस्थल ग्राम पंचायत से अरनेठा तक 10 किलोमीटर संपर्क सड़क पूरी गद्दों में बदल चुकी है. 

केशवराय पाटन: सड़क की बदहाली को लेकर आंदोलन, कहा-रोड़ नहीं बनेगी तो नहीं डालेंगे मत

Keshoraipatan: बूंदी जिले के केशोरायपाटन पंचायत समिति क्षेत्र के जयस्थल गांव के लोग आज भी सड़क की बदहाली को लेकर आंदोलनरत है. ग्राम वासियों का कहना है कि जयस्थल ग्राम पंचायत से अरनेठा तक 10 किलोमीटर संपर्क सड़क पूरी गद्दों में बदल चुकी है और उसमें आने-जाने के लिए वाहन चालक और पैदल चलने वाला भी बड़ी मुश्किल से चल पा रहा हैं.

ऐसी स्थिति में सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से स्वीकृत सड़क को रद्द कर दिया और ग्रामवासियों को परेशानी में डाल दिया है, जिसके विरोध में जयस्थल ग्राम पंचायत के चारो गांव के लोग विरोध में उतर गए और उन्होंने आगामी सभी चुनाव का बहिष्कार करने घोषणा कर दी. उनकी एक ही मांग है कि जब तक सड़क नहीं बनेगी तब तक कोई भी आगामी चुनाव में वह अपना मत नहीं डालेंगे. 

जिले के जयस्थल गांव में आबादी 10 हजार के करीब है, यहां कृषि का बड़ा क्षेत्र है और धार्मिक स्थल है. बूंदी जिले के राजस्व गांव होने के बाद भी 10 किलोमीटर लंबी सड़क पर डामरीकरण नहीं होना ग्रामीणों के लिए बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है. यहां सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से डामरीकरण सड़क पूर्व में बनी हुई है, लेकिन उसका रखरखाव नहीं होने से आज ग्रामीण बदहाली का सामना कर रहे हैं.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केशोरायपाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल, कांग्रेस के पूर्व विधायक सीएल प्रेमी पूर्व जिला प्रमुख राकेश बोयत सहित सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को ग्रामवासी अपनी मांग रख चुके हैं, उसके बाद भी जयस्थल ग्राम पंचायत के ओहड्डी दोताना बालदड़ा के ग्रामीण इस बदहाली की समस्या से सामना कर रहे हैं. 

सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से 36 करोड़ की लागत से सड़क निर्माण की परियोजना स्वीकृत की गई थी, लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते बाद में इसे रद्द कर दिया गया. इसी बात को लेकर ग्रामीण काफी विरोध में है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में आने वाले लोग आज भी काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. जयस्थल गांव के अलावा यहां से करीब एक दर्जन गांव की संपर्क सड़क है. इन सभी का एक ही रास्ता है.

सार्वजनिक निर्माण विभाग की अनदेखी के चलते ग्रामीण बद से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर मजबूर है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि कोई भी सरकार का जनप्रतिनिधि इस सड़क का निर्माण कराता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन आज सभी राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोगों ने एकमत होकर आगामी चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया है. उनका कहना है कि जब सरकार में बैठे जनप्रतिनिधि इस ग्राम की सड़क निर्माण नहीं करवा सकते तो ऐसी राजनीतिक पार्टियों के साथ रहने से कोई फायदा नहीं है. 

ग्राम पंचायत जयस्थल के सरपंच शुभांग दोराश्री  ने बताया कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष सहित सभी विधायक व जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया है. उसके बाद भी आज तक इस बदहाली से किसी ने छुटकारा नहीं दिलाया. ग्रामीण लगातार परेशान है और चोटिल हो रहे हैं. ग्राम पंचायत सरपंच साहब शुभांक दोराश्री, बृजमोहन दाधीच,तुलसीराम नागर,दिनेश नागर, नरेश सेन,नीतेश लाटा,कैलाश नागर,रेवानंद,बीजेपी कार्यकर्ता पूर्वसरपंच दुलीचन्द मीणा, गोविंद नागर, राजेन्द्र लाटा, घनश्याम, रमेशचंद, मदनलाल, पवन सोनी, सत्यनारायण, भोजराज, राजेन्द्र गोचर, कांग्रेस कार्यकर्ता और जयस्थल ग्राम पंचायत के चारो गांवों के लोग विरोध में उतर आए है. 

गांववासियों ने आज सामूहिक रूप से बैठक करके आगामी चुनाव बहिष्कार का निर्णय कर लिया है. उन्होंने कहा कि कोई भी सड़क का पुनः निर्माण कराए, उससे आपत्ति नहीं है, लेकिन अब सभी राजनीतिक पार्टियां एकमत होकर आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे. 

Reporter- Sandeep Vyas 

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