मुख्यमंत्री गहलोत ने तीन शब्दों से दिया संकेत तो राजस्थान की सियासत में मच गया हंगामा
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मुख्यमंत्री गहलोत ने तीन शब्दों से दिया संकेत तो राजस्थान की सियासत में मच गया हंगामा

Ashok Gehlot - Ashok Lahoti : राजस्थान सरकार का 10 फरवरी को बजट पेश होगा. इससे पहले शहर में जगह-जगह 'बचत, राहत, बढ़त' स्लोगन लिखे हुए होर्डिंग्स लगे हुए हैं. इस पर सांगानेर विधायक व राजस्थान वित्त आयोग के सदस्य डॉ. अशोक लाहोटी ने सवाल उठाए हैं. 

  • 10 फरवरी को पेश होगा राज्य सरकार का बजट
  • शहर में जगह-जगह लगे बजट को लेकर पोस्टर
  • भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने उठाए सवाल
  • 'बचत, राहत, बढ़त' का दिया नारा
  • कहा-बजट के बारे में विज्ञापन लगाना गैर कानूनी-असवैंधानिक

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मुख्यमंत्री गहलोत ने तीन शब्दों से दिया संकेत तो राजस्थान की सियासत में मच गया हंगामा

Ashok Gehlot - Ashok Lahoti : राजस्थान सरकार का 10 फरवरी को बजट पेश होगा. इससे पहले शहर में जगह-जगह 'बचत, राहत, बढ़त' स्लोगन लिखे हुए होर्डिंग्स लगे हुए हैं. इस पर सांगानेर विधायक व राजस्थान वित्त आयोग के सदस्य डॉ. अशोक लाहोटी ने सवाल उठाए हैं. लाहोटी ने कहा की भारत में अगर सबसे गोपनीय कोई सार्वजनिक चीज है तो बजट है.

बजट में पेश किए जा रहे प्रस्तावों को बेहद गोपनीय माना जाता है. यहां तक कि बजट की छपाई से लेकर बजट भाषण के पढे़ जाने तक इसे तैयार करने वाले अधिकारी लगभग कैद में रहते है. उनके लिए बाहर से ही खाना जाता है और शायद तब तक वे किसी से बात भी नहीं करते है. लाहोटी ने बताया कि बजट प्रदेश की 7 करोड जनता की दशा व दिशा तय करता है. प्रदेश में जगह जगह बचत, राहत, बढ़त के होर्डिंग मुख्यमंत्री की फोटो के साथ लगे हुए है. राजस्थान में बजट क्या आने वाला है इसका तथ्यापन सरकार विज्ञापन के माध्यम से प्रदेश में प्रचार कर रही है.

बजट के बारे में पहले ही कंटेट बाहर आ जाने से जमाखोरों व कर चोरों को मदद मिलती है. इसका अर्थ सीधा-सीधा यह है कि बजट के मुख्य कंटेट पहले ही बाजार में दिये जा चुके है. जिससे हमारी अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी. बजट में घोषणाओं और राहतों का पिटारा होगा. बजट का आकार बढ़त के साथ बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जायेगा.

इसका अर्थ यह है कि बजट राजस्व घाटे का आयेगा. बजट में इनवेस्टरों का कोई माहौल नहीं होगा. राजस्थान में निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा और 10 लाख करोड़ के जो MOU पेडिंग चल रहे है उस पर भी असर आयेगा. चुनावी साल का यह बजट निवेशकों का माहौल खराब करेगा व हर वर्ग सोचने पर मजबूर होगा. पूर्व में भी बजट लीक के प्रकरणों को तात्कालीन सरकारों के खिलाफ जनता ने बडी गंभीरता से लिया है. इसमें भी गंभीरता से विचार होना चाहिए और अविलम्ब प्रदेश के बाजारों में लगाये गये होर्डिंग हटाकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. 

जयपुर से शशि शर्मा, विष्णु शर्मा और दीपक गोयल की रिपोर्ट

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