रातों-रात चमकी किस्मत, झुग्गी-झोपड़ी से पक्के मकान तक का सफर देख चौंके लोग
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रातों-रात चमकी किस्मत, झुग्गी-झोपड़ी से पक्के मकान तक का सफर देख चौंके लोग

वक्त या तो अच्छा आता है या फिर कुछ सबक देकर जाता है, लेकिन इस बार बीकानेर की झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले चार सौ परिवार का वक्त अच्छा आया है और अपने साथ नया संवेरा लेकर आया है.

रातों-रात चमकी किस्मत

Bikaner: जिंदगी में रोटी कपड़ा और मकान तीन ऐसी जरूरतें हैं जिसके लिए इंशान अपना पूरा जीवन लगा देता है, लेकिन इस जीवन में जब लोगों के पास रहने को आशियाने ना हो और उन्हें आशियाने देने का कोई बीड़ा उठाए तो वो किसी देव दूत से कम नहीं होता है. ऐसे ही चार सौ से अधिक बेघर और बेसहारा परिवार को एक सामान्य जीवन देने का बीड़ा उठाया है बीकानेर के जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने, जिन्होंने देवदूत बनकर चार सौ परिवारों को झुग्गी झोपड़ियों से निकालकर पक्के और साफ-सुथरे आशियाने देकर एक मिशाल कायम की है, जिसे देख हर कोई एक ही बात कहता नजर आ रहा है क्या ऐसा भी होता है.

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वक्त या तो अच्छा आता है या फिर कुछ सबक देकर जाता है, लेकिन इस बार बीकानेर की झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले चार सौ परिवार का वक्त अच्छा आया है और अपने साथ नया संवेरा लेकर आया है और इस सकारात्मक पहल के पीछे है बीकानेर के जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल, जो अपने इसी कुछ अलग कर गुजरने की अदा के लिए प्रशासनिक महकमे में अलग पहचान बनाए हुए है, जहां कुछ समय पूर्व तक श्रीगंगानगर रोड के दोनों ओर झुग्गी-झौंपड़ियों में रहने वाले लगभग 400 परिवारों का जीवन बदल चुका है. जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की संवेदनशील पहल की बदौलत इन सभी परिवारों को दुर्घटना संभावित स्थान से दूर चकगर्बी में सुरक्षित स्थान मिला है, जहां यह लोग आत्मसम्मान के साथ रहने लगे हैं.

पच्चीस-तीस वर्षों से श्रीगंगानगर रोड स्थित झुग्गी-झौंपड़ियों में रहने वाले इन लोगों ने कभी सोचा नहीं था कि प्रशासन द्वारा सुनियोजित तरीके से उनका पुर्नवास किया जाएगा. इनके लिए पेयजल, शौचालय, सड़क और प्रकाश जैसी आधारभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी, लेकिन लगभग छह महीनों तक किए गए प्रयास फलीभूत हुए, तो यहां रहने वाले लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. कलेक्टर ने बताया कि श्रीगंगानगर रोड की झुग्गी-झौंपड़ियों में रहने वाले लोगों को वहां से हटाना जरूरी था, लेकिन इनका सुनियोजित पुर्नवास सबसे बड़ी आवश्यकता थी, इसके मद्देनजर प्रशासन द्वारा चरणबद्ध तरीके से कार्य करते हुए श्रीगंगानगर रोड पर रहने वाले इन परिवारों का सर्वें, इनके पुनर्वास के लिए स्थान का चिन्हीकरण, प्लाटिंग, आधारभूत सुविधाओं का विकास और शिफ्टिंग की गई.

जिला प्रशासन द्वारा वर्तमान में इन सभी परिवारों को चकगर्बी में शिफ्ट किया जा चुका है, जहां ये पंद्रह गुणा पंद्रह फुट के अपने भूखंड पर रहने लगे हैं. इनकी शिफ्टिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है और नए आशियाने में इनका जीवन पटरी पर आ चुका है. जल्दी ही इन्हें इन भूखंडों का मालिकाना हक प्रदान किया जाएगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इनके पक्के आवास बनाने की कार्यवाही होगी. वहीं इन परिवारों के विद्युत कनेक्शन के लिए शिविर भी लगाए जाएंगे. बड़ी बात यह है कि सभी व्यवस्थाएं प्रशासन द्वारा निःशुल्क की गई है.

यहां ट्यूबवेल बनवाकर सभी कच्चे आवासों तक पाइपलाइन पहुंचाई गई है. शौचालय भी बनवा दिए गए हैं. इस कारण यह क्षेत्र में खुले में शौच से पूर्णतया मुक्त हो गया है. सड़क और सार्वजनिक प्रकाश की व्यवस्था भी की गई है. कुल मिलाकर वर्षों से नेशनल हाईवे पर चिंताजनक जीवन व्यतीत करने वाले गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लोग अब खुश हैं और इतने बड़े कार्य के लिए शासन-प्रशासन का आभार जताते हैं.

Reporter: Raunak Vyas

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