Bhilwara News: भीलवाड़ा रोड़ पर संचालित उपजिला अस्पताल में भर्रे शाही है, कौन कब आएगा और कब जाएगा कुछ फिक्स नहीं है. डॉक्टर्स के देरी से आनें से इलाज के लिए आनें वाले मारीजों को परेशानी का समान करना पड़ रहा है. आखिर ऐसा क्यों? क्या कोई देखने वाला नहीं है.
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Bhilwara News: कस्बे में भीलवाड़ा रोड़ पर संचालित उपजिला अस्पताल आमजन की सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा सीएचसी से क्रमोन्नत किया गया है. जहां स्थितियां अंधेर नगरी चौपट राजा जैसी बनी हुई हैं, उपजिला अस्पताल में कुल 22 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं और 14 चिकित्सक पदस्त हैं. चिकित्सकों का अस्पताल पहुंचने का समय सुबह 8 से 2 बजे तक हैं, किंतु सुबह से 9 बजे तक चिकित्सक अस्पताल नही पहुंचते हैं. मरीजों को एक घंटे इंतजार करना पड़ता है, वहीं 14 चिकित्सकों में से भी करीब 6 से 7 चिकित्सक अनुपस्थित रहते हैं.
और तो और खुद पीएमओ मनोज बसेर सुबह आठ की बजाय नो बजे तक पहुंचते हैं, वहीं करीब 40 का नर्सिंग स्टाफ है इसके बावजूद लेबर रूम में एक एएनएम से कार्य कराया जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एएनएम विगत कई वर्षों से लेबर रूम उपजिला अस्पताल में बिना रिकॉर्डेड कार्य कर रही है. जिनकी नौकरी फील्ड में है, जबकि कार्य अस्पताल में बतौर लेबर वार्ड में कर रही है.
विगत छः माह से राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने आमजन को स्थानीय स्तर पर सुविधाए मुहैया कराने के लिए सोनोग्राफी सुविधा शुरू करवाई थी.उस समय सोनोलॉजिस्ट चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने से दो दिन के लिए गंगापुर अस्पताल से अतिरिक्त सोनोलॉजिस्ट चिकित्सक डॉ. सीएस पारीक को लगाया गया था. जो मंगलवार और शुक्रवार को सेवाएं दे रहे है.
पर विगत 15 दिनों पूर्व स्थाई रूप से एक और डिप्लोमाधारी सोनोलॉजिस्ट चिकित्सक पद पर डॉ. कुलदीप को नियुक्त किया जा चुका है. इसके बावजूद सुविधाएं महज दो दिन ही दी जा रही हैं. सुविधाओं के अभाव में मशीन मांडल में होने के बावजूद लोगो को असुविधा हो रही है, और जिला अस्पताल के चक्कर लगाने पर रहे हैं.
अस्पताल में परस्त लैब टेक्नीशियन धीरज छिपा ने अस्पताल में ड्यूटी के दौरान ही बाहर अपना खुद का लैब बालाजी लेबोरेट्री के नाम से संचालित कर रखा है. वहीं, नेत्र चिकित्सक सुमन सैनी के रिश्तेदार ने भी बाहर ऑप्टिकल संचालित कर रखा है.
जिसपर डॉ. मनोज बसेर, पीएमओ का कहना है की डिप्लोमा के बाद एग्जाम देकर आर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद किसी भी डिप्लोमाधारी सोनोलॉजिस्ट चिकित्सक को सोनोग्राफी करने के लिए अधिकृत हो सकता है, इसीलिए चिकित्सक कुलदीप को सोनोग्राफी के लिए नही लगाया हैं. वहीं लेब में पदस्त लेब चिकित्सा कर्मी द्वारा संचालित निजी लेब को बंद करवाया जाएगा.
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