भीलवाड़ा: बच्ची की मौत के बाद गांव वालों में गुस्सा, चार दिन पुराना बताया जा रहा है सुसाइड नोट
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भीलवाड़ा: बच्ची की मौत के बाद गांव वालों में गुस्सा, चार दिन पुराना बताया जा रहा है सुसाइड नोट

बनेड़ा थाना क्षेत्र में एक 12 साल की मासूम मैना की 23 अगस्त की दोपहर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. घटना के चार दिन बाद बच्ची का लिखा बताया जा रहा एक सुसाइड नोट भी मिला है. 

 

भीलवाड़ा: बच्ची की मौत के बाद गांव वालों में गुस्सा, चार दिन पुराना बताया जा रहा है सुसाइड नोट

भीलवाड़ा: जिले के बनेड़ा थाना क्षेत्र में एक 12 साल की मासूम मैना की 23 अगस्त की दोपहर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. घटना के चार दिन बाद बच्ची का लिखा बताया जा रहा एक सुसाइड नोट भी मिला है. पुलिस मामले को सुसाइड मानकर जांच कर रही थी, लेकिन मां और ग्रामीणों ने इसे हत्या बताकर मामला दर्ज करवाया है. अब पुलिस हत्या के एंगल से जांच कर रही है. वहीं, बच्ची की मौत के बाद गांव वालों में काफी गुस्सा है. घटना के विरोध में दो बार कस्बा बंद भी किया गया है.

 इस मामले की इन्वेस्टिगेशन के दौरान बच्ची की मां, पड़ोसी और पुलिस से बात की तो सबसे बात करने के बाद शक की सुई चाची के चारों तरफ घूमती नजर आई. पड़ोसियों ने बच्ची की मौत का शक उसकी चाची पर जाहिर किया है.

उनका कहना है कि हादसे के समय घर में केवल मैना की चाची थी. उसकी मां लाली देवी खेत पर काम करने गई हुई थी. उसकी चाची ने ही पड़ोसियों को घर बुलाकर सुसाइड के बारे में बताया, लेकिन बच्ची का शव जमीन पर बैठी अवस्था में था. ऐसे में पड़ोसियों को शक हुआ.
                                                          
हमने भी जब मां से बात की, हत्या की आशंका जता रहे पड़ोसियों से बात की और सच जानने की कोशिश की तो बच्ची के घर के ठीक सामने रहने वाली नारायणी ने बताया की हादसे के दिन मैना की चाची सोनिया ने मुझे आवाज लगाकर बाहर बुलाया था. उसने कहा कि, मैना ने फांसी लगा ली है. मैं उसके घर के अंदर कमरे में गई. पंखे की तरफ देखा. लेकिन मुझे मैना नजर नहीं आई. उसके बाद चाची ने खिड़की की तरफ इशारा किया.

पास जाकर देखा तो खिड़की के पास मैना का शव बैठी अवस्था में था. उसके गले में चुन्नी का एक फंदा अटका हुआ था. फंदा ऊपर खिड़की के दरवाजे से सिर्फ अटका हुआ था. जिसे छूते ही वह नीचे गिर गया. नारायणी ने बताया कि उसी वक्त शक हो गया था और मैंने चाची को कह भी दिया था कि इस तरह से सुसाइड कैसे हो सकता है. फिर मैना की मां को सूचना दी.
                                                            
मैना के पड़ोस में ही रहने वाले बाबूलाल तेली ने बताया कि मैना की चाची जोर-जोर से चिल्ला रही थी. उनके घर जाकर कमरे में पहुंचा तो डर गया. एक बार तो शव देखकर कमरे से बाहर आ गया. सवाल ये है कि आंगन और खिड़की के बीच कैसे फांसी लग सकती है.

पड़ोसियों के बाद जब हमने मैना की मां लाली देवी से बात की तो उन्होंने बताया कि मैना उसकी छोटी बेटी थी. क्लास 6th में पढ़ती थी. 23 अगस्त को मैना के स्कूल से वापस लौटने के बाद वह खेत पर काम करने गई थी. बेटी की मौत की खबर पड़ोसियों से मिली. मां ने कहा कि, मैना ने उससे कभी साइकिल का जिक्र नहीं किया था. मैना के पिता कालू तेली की 6 महीने पहले 23 फरवरी को मौत हो गई थी. उनके बाद दोनों बच्चों का अच्छे से ख्याल रखा है.
                                                                                               
 सोनिया पर ट्रक और ग्रामीणों के लगातार दो बार बनेड़ा कस्बा बंद रखने के बाद पुलिस की नींद जाएगी. उन्होंने इस मामले में हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए अपनी जांच को गति दी है. बड़ा सवाल यह है कि 8 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने ना तो सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग मैच के लिए एक्सपर्ट के पास भेजा ना ही मौके पर गहनता से जांच की गई.

ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने वह फंदा भी अब तक जप्त नहीं किया जिसके जरिए मैना के फांसी लगाने की बात कही जा रही है. वहीं, बनेड़ा थाना अधिकारी राजेंद्र ताड़ा का तर्क है कि छात्रसंघ चुनाव के चलते जांच में कुछ देवी जरूर हुई है. लेकिन अब सभी तथ्यों पर गहनता से जांच की जा रही है.

Reporter- Mohammad Khan

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