कम्युनिटी पुलिसिंग क्या है? इसकी जरूरत क्यों पड़ी. अपराध और क्राइम की वारदातों पर रोक लगाने के लिए राजस्थान पुलिस ने एक नवाचार किया है. इस नवाचार का नाम दिया गया है कम्युनिटी पुलिसिंग. इसीक्रम एसपी पंकज चौधरी बाड़मेर पहुंचे.
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Barmer: राजस्थान में इन दिनों आमजन व पुलिस के बीच दूरियां मिटा कर आमजन के साथ मिलकर अपराध को रोकने पर जोर दिया जा रहा है. आमजन कई बार पुलिस के बर्ताव पर खफा होते हैं, कभी अपराध रोकने में पुलिस को जनता का सहयोग नहीं मिलता. इन सबके पीछे एक बड़ा कारण दोनों के बीच समन्वय और आपसी विश्वास कायम नहीं होना है.
राजस्थान में यह संवाद कायम कैसे हो, इसके लिए कम्युनिटी पुलिसिंग के पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी इन दिनों सरहदी जिलों के दौरे पर है, जहां पर जैसलमेर के बाद गुरुवार को बाड़मेर पहुंचे. जहां पर सर्किट हाउस में बाड़मेर वासियों की ओर से स्वागत किया गया. पुलिस के जवानों ने गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया.
कम्युनिटी पुलिसिंग एसपी पंकज चौधरी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर कम्युनिटी पुलिसिंग पर चर्चा करेंगे और उसके बाद में बाड़मेर सदर थाने का निरीक्षण करूंगा. राजस्थान में इन दिनों कम्युनिटी पुलिसिंग पर जोर दिया जा रहा है, जिसके तहत पुलिस व आम जनता के बीच की दूरियां कम कर आपसी तालमेल बिठाया जाए. जिसको लेकर प्रदेश के सभी थानों में स्वागत कक्ष बनाए गए हैं.
प्रदेश में 37000 पुलिस मित्र जोड़ते हैं, वहीं 35000 ग्राम रक्षक सदस्य बनाए गए हैं. उनकी पहचान के लिए एक बेज भी दिया गया है. पुलिस द्वारा कम्युनिटी चलाई जा रही योजनाओं के बारे में आमजन को जागरूक किया जा रहा है, राजस्थान में महिला सशक्तिकरण के लिए अलग-अलग प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
महिलाओं की समस्याओं व उत्पीड़न को रोकने के लिए सखी योजना चलाई जा रही है. राजस्थान के सभी जिलों में सामुदायिक पुलिस यूनिट को स्थापित किया गया है, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा आम जनता के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं व जन सहभागिता के कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग की जा रही है.