बाड़मेर में टीबी जागरूकता रैली का आयोजन हुआ. टीबी रोकथाम उन्मूलन कार्यक्रम में बाड़मेर जिला प्रदेश में दूसरे पायदान पर रहा है.
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Barmer: 2025 तक भारत को टीबी मुक्त राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं उसी का नतीजा है कि गत वर्ष टीबी उन्मूलन के लिए जो कार्य किया गया उसमें बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है. जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग को सिल्वर मेडल से सम्मानित कर तीन लाख रुपए के नकद पुरस्कार से भी पुरस्कृत किया है.
इसी के तहत बाड़मेर जिला मुख्यालय पर आज टीबी दिवस के उपलक्ष में स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. जागरूकता रैली को स्वास्थ्य भवन से सीएमएचओ डॉ चंद्रशेखर गजराज सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. जो बाड़मेर शहर के विवेकानंद सर्किल, रेलवे स्टेशन, स्टेशन रोड होते हुए शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरी. जहां पर रैली में भाग ले रहे नर्सिंग स्टूडेंट्स ने आरसीबी हारेगा भारत जीतेगा जैसे जागरूकता के नारों से आमजन को टीबी के प्रति जागरुक किया और टीबी के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में पहुंचकर मुफ्त में इलाज लेने की अपील की.
बाड़मेर से रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गोवर्धन सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से (yes we can end tb) हां हम टीबी को समाप्त करके रहेंगे थीम पर कार्यक्रम शुरू किया गया है. जिसके तहत बाड़मेर में आज जागरूकता रैली निकाली है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्यक्रम चलाकर टीबी रोकथाम को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं. बाड़मेर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ चंद्रशेखर गजराज ने बताया कि गत वर्ष टीबी उन्मूलन में बाड़मेर जिले में सराहनीय कार्य किया और सीकर के बाद प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है जिसको लेकर राज्य सरकार ने बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग को सिल्वर मेडल व 3 लाख रुपए का नकद पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया है.
लगातार हम ग्राम पंचायत स्तर पर टीबी रोकथाम की जागरूकता के लिए अभियान चला रहे हैं. जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भी टीबी रोकथाम को लेकर आमजन को जागरूक किया जा रहा है. जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर छुग सिंह ने बताया कि टीबी के मरीज के प्रारंभिक लक्षण दिखने पर उसको अस्पताल तक पहुंचाने वाले को भी ₹500 प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. वहीं टीबी का इलाज लेने वाले मरीज को भी ₹500 प्रति माह पोषण के रूप में बता दिया जा रहा है. मजन में जागरूकता लाने के लिए प्रतिमाह 5 ग्राम पंचायतों पर जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है.
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