जैन ने गोशाला संचालकों से आह्वान किया कि वे इस महामारी के दौर में गोवंश को बचाने में तन, मन एवं धन से पूरा सहयोग करे एवं किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दें. उन्होंने जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग की टीम द्वारा लंपी स्किन डिजीज में गोवंश को बचाने के लिए किए गए उपचार प्रबन्धन की भी सराहना की.
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Barmer: गौवंश फैली लंबी स्किन डिजीज महामारी को लेकर खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया अपने एक दिवसीय दौरे पर बाड़मेर पहुंचे, जहां उन्होंने नंदी गौशाला पहुंचकर गौशाला का निरीक्षण किया और राजस्थान गोसेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन के साथ गायों को गुड़ खिलाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान भामाशाह स्वर्गीय तन सिंह चौहान के बेटे जोगिंदर सिंह और राजेंद्र सिंह ने गायों के लिए ₹500000 का चेक भी गोपालन मंत्री को सुपुर्द किया.
गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि गोवंश में आई महामारी लंपी स्किन से गोवंश को बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है एवं इस महामारी में गोवंश को बचाने के लिए हर स्तर पर उपचार के पुख्ता प्रबन्ध किए हैं. गोपालन मंत्री जैन सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला अधिकारियों, गौशाला प्रतिनिधियों एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों की बैठक ले रहे थे.
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इस दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व राजस्व मंत्री एवं विधायक हरीश चौधरी, राज्य गोसेवा आयोग अध्यक्ष एवं विधायक मेवाराम जैन, जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, बीसूका उपाध्यक्ष फतेह खा, जिला कलक्टर लोक बंधु, पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव उपस्थित थे.
क्या बोले गोपालन मंत्री
इस मौके पर गोपालन मंत्री ने कहा कि सरकार और मुख्यमंत्री लंपी स्किन को लेकर बहुत संवेदनशील है तथा महामारी पर नियंत्रण के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस काम के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएंगी. उन्होंने बताया कि सरकार महामारी से बचाने में कोई कसर नहीं रखेगी. उन्होंने बताया कि कोरोना की तरह ही इस महामारी पर भी सबके प्रयासों से अवश्य सफलता मिलेगी. उन्होंने बताया कि सरकार हर सम्भव कोशिश कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि दवाई पर्याप्त है एवं सरकार पशुपालन विभाग को पूरी सहायता उपलब्ध करा रही हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गोवंश के संवर्धन के लिए ऐतिहासिक कदम उठाएं है. उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश में नंदी गोशालाएं खोली गई है, वहीं गौशालाओं का अनुदान भी बढ़ाया है. इसके साथ ही गोशालाओं को वर्ष में छह माह से बढ़ाकार नौ माह का अनुदान देकर गोवंश के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है.
भामाशाहों एवं दानदाताओं का सहयोग लिया जाए
जैन ने गोशाला संचालकों से आह्वान किया कि वे इस महामारी के दौर में गोवंश को बचाने में तन, मन एवं धन से पूरा सहयोग करे एवं किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दें. उन्होंने जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग की टीम द्वारा लंपी स्किन डिजीज में गोवंश को बचाने के लिए किए गए उपचार प्रबन्धन की भी सराहना की एवं निर्देश दिए कि वे टीम भावना से कार्य कर जो भी पशु इस बीमारी से ग्रसित है, उसको बचाने का भरसक प्रयास करे. उन्होंने संक्रमित मृत पशुओं के निस्तारण के लिए शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय के माध्यम से एवं ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतों के माध्यम से पूरा सहयोग लेकर अच्छी तरह से निस्तारण की कार्यवाही करने पर जोर दिया. उन्होंने इस कार्य के लिए भामाशाहों एवं दानदाताओं का सहयोग लेने की भी बात कही.
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि कोरोना के समान लंपी वायरस भी बहुत घातक हैं. इसलिए इस महामारी पर नियंत्रण के लिए कोरोना की तरह सटीक रणनीति के जरिए ही संभव है. उन्होंने इसके लिए सरकार के साथ सभी की भागीदारी जरूरी हैं. उन्होंने उपचार के साथ व्यापक भागीदारी की भी जरूरत जताई.
प्राचीन पद्धति के उपचार को भी काम में लेना
चौधरी ने कहा कि गौवंश को बचाने के लिए हमें दवाइयों के साथ प्राचीन पद्धति के उपचार को भी काम में लेना है, जिससे की हम गौवंश को बचा सके, इसके लिए उन्होंने पशुपालकों को जागरूक कर बीमार पशुओं का फिटकरी की पानी से नहाने, नीम के पतों के पानी से नहाने एवं गुड का पानी पिलाने की सलाह दे.
मेवाराम जैन ने कही ये बातें
इस अवसर पर गौसेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन ने कहा कि राज्य सराकर ने पशुधन को बचाने के लिए अकाल एवं सूखे की स्थिति में भी पूरी सहायता देकर पशुपालकों को बहुत बड़ी राहत दी है. उन्होंने गौवंश में फैली लंपी स्किन डिजीज जैसी महामारी के रोकथाम के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ ही अधिकारियों को तन-मन से कार्य कर गौमाता को बचाना है. उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर बीमारी के लक्षण एवं उपचारों के बारें में पेम्प्लेट के माध्यम से आमजन को जागरूक करने पर जोर दिया.
उन्होंने संक्रमित मृत पशुओं के सुरक्षित निस्तारण के लिए नगरीय क्षेत्र में जेसीबी किराये पर लेनी पड़े तो उसको भी लेकर सुरक्षित निस्तारण की कार्यवाही करावे, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी भामाशाहों का सहयोग लेकर मृत पशु के प्रभावी निस्तारण की कार्यवाही करे ताकि संक्रमण अन्य पशुओं तक नहीं बढ़े.
राज्य सरकार लंपी स्किन डिजीज को आपदा मान चुकी
इस मौके पर पूर्व राजस्व मंत्री एवं विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार लंपी स्किन डिजीज को आपदा मान चुकी है, ऐसे में आपदा प्रबंधन की रणनीति बनाकर ही इस महामारी पर नियंत्रण किया जा सकता हैं. उन्होंने महामारी के सम्बंध में पशुपालन विभाग द्वारा एडवायजरी जारी करने को कहा. इस दौरान जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालको को जागरूक करने को कहा. वहीं बीसूका उपाध्यक्ष फतेह खा ने मृत पशुओं के उचित निस्तारण की जरूरत बताई.
क्या बोले पूर्व जिला कलक्टर लोक बंधु
इससे पूर्व जिला कलक्टर लोक बंधु ने कहा कि लंपी स्किन डिजीज बीमारी के उपचार के लिए जिले में 70 पशु चिकित्सा टीमों का गठन कर संक्रमित पशुओं का उपचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही विकास अधिकारियों को भी सहयोग के लिए निर्देशित किया गया है एवं वे भी प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर पशु चिकित्सा टीमों के माध्यम से उपचार करवा रहे है. उन्होंने कहा कि इस कार्य की उनके स्तर से भी प्रभावी मोनिटरिंग नियमित रूप वसे की जा रही है.
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओम प्रकाश विश्नोई, अतिरिक्त जिला कलेक्टर उम्मेद सिंह रतनू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपत सिंह, अतिरिक्त निदेशक, पशुपालन प्रकाश भाटी मौजूद रहे.
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