एक विधायक.. अश्लील वीडियो और ब्लैकमेल का गंदा खेल.. पश्चिमी राजस्थान के सरहदी जिले के पूर्व विधायक का एक वायरल वीडियो ने सनसनी मचा रखी है. इस वीडियो ने एक दशक पहले हुए सीडी कांड की यादें जनता के जहन में ताजा कर दी.
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Mevaram Jain Barmer Viral Video: एक विधायक.. अश्लील वीडियो और ब्लैकमेल का गंदा खेल.. पश्चिमी राजस्थान के सरहदी जिले के पूर्व विधायक का एक वायरल वीडियो ने सनसनी मचा रखी है. इस वीडियो ने एक दशक पहले हुए सीडी कांड की यादें जनता के जहन में ताजा कर दी. आज यह वायरल वीडियो कई लोगों के मोबाइल फोन की गैलरी में मौजूद है. लेकिन गंदा खेल 4-5 महीनों नहीं बल्कि 5-6 सालों से चला रहा था. 2 महीने पहले विधानसभा चुनाव के दौरान इस वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट वायरल हुई तो हंगामा मच गया, लेकिन नए साल के आगाज के साथ पूरा वीडियो ही सोशल मीडिया पर तैरने लगा, लेकिन अब हर किसी के मन में सवाल है कि आखिर इस डर्टी गेम की शुरुआत कब और कहां से हुई?
दरअसल बाड़मेर जिले से डेढ़ दशक तक विधायक रहे मेवाराम जैन का एक वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इस वीडियो के वायरल होने के बाद मेवाराम जैन से उनकी पार्टी ने नाता तक तोड़ दिया, लेकिन इस गंदे खेल के छिटें कई लोगों पर पड़ चुके हैं. जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है यह 5 से 6 साल पहले का बताया जा रहा है.
इस अश्लील वीडियो में दिख रही महिला 5-6 साल पहले एक बिजनेसमैन रामस्वरूप आचार्य के संपर्क में आई और यही से इस खेल की शुरुआत हुई. रामस्वरूप आचार्य ने ही इस महिला का परिचय विधायक मेवाराम जैन से कराया. इसके बाद इन दोनों के बीच क्या कुछ हुआ उसका वीडियो आज सोशल मीडिया पर मौजूद है. साल 2022 के नवंबर महीने में इसी बिजनेसमैन रामस्वरूप आचार्य ने महिला और उसके कुछ साथियों पर अश्लील वीडियो की आड़ में ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया और थाने में मामला दर्ज कराया. इसके बाद पुलिस ने इस महिला समेत कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि बाद में मामला को सेटल करने की कोशिश की गई. समझौते के तहत 50 लाख रुपए देने की बात भी सामने आई, लेकिन इसके बावजूद महिला की ओर से ब्लैकमेल किया जाता रहा. अंत: डील नहीं हो सकी और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
वहीं दूसरी और महिला का पक्ष जाने तो उसका आरोप है कि मेवाराम जैन ने उसे झांसे में लिया और उसके साथ संबंध बनाए. बाद में उसे ही बाड़मेर जिले की कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज करके जेल में डाल दिया. हालांकि अपने ही लोगों को भेज कर विधायक जी ने जमानत भी कराई, लेकिन एक बार फिर धमकी दी और पुलिस घर से उठा कर ले गई. पुलिस ने बेहरमी में से पिटाई की और प्राइवेट पार्ट में लकड़ी तक डाल दी. इस दौरान कोई भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं रही. उसे और उसके परिवार को काफी यातनाएं दी गई. वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने अपने मोबाइल फोन से वीडियो भी बनाएं. इस घटना से महिला पूरी तरह टूट गई. इसके बाद महिला ने 20 दिसंबर को थाने में विधायक मेवाराम जैन समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया.
मामले में फिलहाल के लिए मेवाराम जैन और डिप्टी एसपी समेत 9 आरोपियों को हाई कोर्ट से राहत मिली हुई है. दुष्कर्म और पॉक्सो के तहत मामला दर्ज होने के बाद मेवाराम जैन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और महिला द्वारा दर्ज कराई गई FIR को निरस्त करने की मांग की. मेवाराम जैन ने वायरल वीडियो को एडिटेड बताया और फिर में दर्ज किए गए सारे आरोपों को झूठा बताया है. फिलहाल इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मेवाराम जैन की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.