लंपी बिमारी से निपटने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा एलएसडी टीका ईनात किया गया है. इसके साथ हम पशुओं को बचाने के लिए उनकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना जरूरी है.
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Gudamalani: बाड़मेर जिले के गोवंश में फैली लंबी स्किन डिजीज बीमारी को लेकर अब कृषि वैज्ञानिक और पशु एक्सपर्ट की टीम लगातार आम लोगों और पशुपालकों के बीच में जाकर इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है, जिसके तहत कृषि विज्ञान केंद्र गुड़ामलानी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा.बी.एल. मीणा ने बताया कि लंपी स्कीन बिमारी के चलते प्रदेश को भारी मात्रा में गौधन से हाथ गवाना पड़ा है.
लंपी बिमारी से निपटने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा एलएसडी टीका ईनात किया गया है. इसके साथ हम पशुओं को बचाने के लिए उनकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना जरूरी है.
विषय विशेषज्ञ पशुपालन डा. गीतेश मिश्र ने बताया कि संतुलित पशु आहार से पशुओं की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है. राजुवास इम्युनिटी बुस्टर विटामिन, मिनरल, एमीनो एसिड विभिन्न जाइम का मिश्रण है. इसमें पशुओं के प्रतिरोधक क्षमता एक स्वास्थ्य के लिए विभिन्न सुक्ष्म पोषक तत्व विद्यमान है.
यह एक प्रीमिक्स बूस्टर है. डा. बाबू लाल चौधरी पशु चिकित्सा अधिकारी भाखरपुरा ने बताया कि मैथाइन ब्लू एक पशुमो के बाहरी घाव के लिए रिकवरी के लिए सॉल्युशन है और लंपी बीमारी से ग्रसित घाव के लिए इसका उपयोग पशुपालकों को अवश्य करना चाहिए. डा. रावता राम भाखर ने बताया कि इस दौरान पशुओं को विषेश आहार देना चाहिए.
इस दौरान ढीमडी गांव के 20 पशुपालकों को राजूवास इम्यूनिटी बूस्टर कीट और आवशयक दवाईयां वितरीत की गई. इस दौरान पशुधन सहायक रमेश सुथार प्रग्तिसील किसान पदमा राम, गोवर्धन राम, चेनाराम सियोल अर्जुन राम आदि उपस्थित रहें.
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