बाड़मेर हादसा: 24 घंटे बाद मजदूर के शव को कुएं से निकाला गया बाहर, लालच में गवाईं जान
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बाड़मेर हादसा: 24 घंटे बाद मजदूर के शव को कुएं से निकाला गया बाहर, लालच में गवाईं जान

Barmer Hadsa: बाड़मेर जिले के सदर थाना क्षेत्र के जाखड़ो की ढाणी अणदे का तला गांव में कृषि कुएं की खुदाई के दौरान मिट्टी डालने से दबे मजदूर को 24 घंटे बाद कड़ी मस्कट से रेस्क्यू ऑपरेशन कर मजदूर के शव को बाहर निकाला गया.

बाड़मेर हादसा: 24 घंटे बाद मजदूर के शव को कुएं से निकाला गया बाहर, लालच में गवाईं जान

Barmer Hadsa: बाड़मेर जिले के सदर थाना क्षेत्र के जाखड़ो की ढाणी अणदे का तला गांव में कृषि कुएं की खुदाई के दौरान मिट्टी डालने से दबे मजदूर को 24 घंटे बाद कड़ी मस्कट से रेस्क्यू ऑपरेशन कर मजदूर के शव को बाहर निकाला गया. इसके बाद प्रशासन व रेस्क्यू टीम ने राहत की सांस ली. पुलिस व प्रशासन शव को कब्जे में लेकर सनावड़ा अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. जहां पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों को सुपुर्द किया है.

बाड़मेर उपखंड अधिकारी समंदर सिंह भाटी ने बताया कि शनिवार शाम को अणदे का तला गांव निवासी नंदराम के खेत में निर्माणाधीन कृषि कुएं को गहरा करने के दौरान खुदाई करते समय अचानक की मिट्टी डालने से मजदूर देवाराम अंदर दब गया था. जिसके बाद प्रशासन को सूचना मिलते ही नागरिक सुरक्षा की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था, लेकिन लगातार बालू मिट्टी ढहने के कारण करीब 20 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद हिटाची व जेसीबी मशीन के सहयोग से कुएं के पास बड़ी खाई बनाकर मजदूर देवाराम के शव को बाहर निकाला हैं.

घर का इकलौता कमाने वाला था देवाराम

 मृतक देवाराम के तीन बेटियां और दो बेटे हैं. घर की आर्थिक हालत खराब है.  मृतक परिवार में अकेला कमाने वाला था. ऐसे में इस हादसे में देवाराम की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. घटना की जानकारी मिलने के बाद बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन चौहटन प्रधान रुपाराम सारण भाजपा नेत्री प्रियंका चौधरी सहित कई नेता भी मौके पर पहुंचे. मृतक के परिजनों को संवेदना दी.

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लालच में गंवाई जान

लोगों ने बताया कि जाखड़ो की ढाणी अणदे का तला गांव में एक खेत में कुआं खुदाई का काम चल रहा था. जहां मृतक देवाराम पुत्र चुतरा राम जाट अपने भाई और खेत मालिक के साथ काम में जुटा हुआ था. सुबह से शाम तक 2 फर्मे भर लिए थे इसके बाद तीसरे का लालच के चक्कर में ऊपर लगे दोनों फर्मों को खोल दिया. इन्हें इस बात का ख्याल नहीं रहा कि ऊपर कंक्रीट के फर्में सूखे नहीं है और रेत के दबाव में ढह गए.

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