4 नंवबर से अबूझ सावा शुरू हो गया है, ऐसे में राजस्थान के बारां के छबड़ा में बाल विवाह को रोकने के लिए प्रशासन ने नई पहल की है
Trending Photos
Chhabra News, Baran : राजस्थान के बारां के छबड़ा में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बारां के निर्देशानुसार देवठनी ग्यारस को होने वाले शादी विवाह को देखते हुए तालुका विधिक सेवा समिति छबड़ा की तरफ से विशेष शिविर का आयोजन किया गया.
तालुका विधिक सेवा समिति अध्यक्ष प्रीति नायक, एडीजे छबड़ा के निर्देशन में बाल विवाह निषेध शिविर का आयोजन राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छबड़ा पर किया गया. शिविर में अधिवक्ता भंवर सिंह जादौन और श्याम लाल पारीक द्वारा बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में जानकारी प्रदान की गई.
शिविर में अधिवक्ता भंवर सिंह जादौन द्वारा बताया गया कि कम उम्र में बच्चों की शादी कर देने से उनके स्वास्थ्य, मानसिक विकास और खुशहाल जीवन पर असर पड़ता है. कम उम्र में शादी करने से पूरे समाज में पिछड़ापन आ जाता है. इसलिए हमारे देश के कानून में लड़के तथा लड़की के लिए विवाह करने की एक उम्रः निर्धारित की गई है. इस उम्र से कम उम्र में शादी करने को ही बाल विवाह कहा जाता है.
बाल विवाह पर होती है ये सजा
शिविर में अधिवक्ता श्याम लाल पारीक द्वारा बताया गया कि लड़के की आयु 21 वर्ष से कम और लडकी की आयु 18 वर्ष से कम है, तो वे विवाह योग्य नहीं है. 18 साल से कम उम्र की लड़की से शादी करता है तो उसे दो साल तक की कड़ी कैद या एक लाख रूपये तक का जुर्माना या फिर दोनों सजाएं भी हो सकती है.
शादी करने वाले जोड़े में से जो भी निर्धारित उम्र से कम हो शादी कोर्ट से रद्द करवा सकता है. शादी के बाद कभी भी कोर्ट में अर्जी दी जा सकती है और बालिक होने के दो साल बाद भी जो भी बाल विवाह सम्पन्न करें या करवाएं जैसे पंडित, मौलवी, माता-पिता रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि उसे दो साल तक की कड़ी सजा या एक लाख रूपये का जुर्माना या दोनों ही हो सकते है.
शिविर में बताया गया कि जिस व्यक्ति की देखरेख में बच्चा है अगर वो बाल विवाह करवाता है, चाहे वो माता पिता अभिभावक या कोई और हो दो साल तक की कड़ी सजा या एक लाख रूपये जुर्माना या दोनों हो सकते है और जो व्यक्ति बाल विवाह को किसी तरह बढ़ावा देता है, या जानबूझकर लापरवाही से उसे रोकता नहीं है, जो बाल विवाह में शामिल हो या बाल विवाह की रस्मों में शामिल हो, उसे दो साल तक की कड़ी सजा या एक लाख रूपये जुरमाना या दोनों हो सकते है.
शिविर में बाल विवाह की सूचना हेल्पलाइन नंबर पर देने और पुलिस को देने के बारे मे बताया गया साथ में इसकी सूचना देने वाले कि जानकारी गोपनीय रखे जाने की बात कही गयी.
इस शिविर में तालुका विधिक सेवा समिति छबड़ा की ओर से आशु साहू एवं अधिवक्ता भंवर सिंह जादोन श्याम लाल पारीक, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छबड़ा के शिक्षक गण मौजूद रहे.
रिपोर्टर- राम मेहता
बस 10 दिन का इंतजार फिर पश्चिमी राजस्थान के किसानों के मोबाइल पर जा आएगी पानी की जानकारी