जिले के मरीज को वहीं मिले तुरंत और गुणवत्ता वाला उपचार इसके लिए सरकार ने सवा करोड़ का खर्च कर सौंपा, लेकिन आईसीय बनाने वाली कंपनी ने महज औपचारिकताएं कर कागजी आईसीयू बना दिए.
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Baran: बारां में चमचमाते आईसीयू बैंड, नए वेंटीलेटर, डिफेनिलेटर, सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम और अन्य महंगे उपकरण. बारां जिला अस्पताल में बनाए गए आईसीयू वार्ड में करोड़ों के संसाधन के बावजूद गंभीर मरीजों को राहत नहीं मिल रही है, जो उपकरण मरीजों की जान बचा सकते हैं, फंगस और टपकते कमरों में कबाड़ की तरह पड़े हैं. चालू होने से पहले से ही आईसीयू पर ताला लगे हैं, बिजली के स्विच तक नहीं हैं.
बारां जिले के मरीज को वहीं मिले तुरंत और गुणवत्ता वाला उपचार इसके लिए सरकार ने सवा करोड़ का खर्च कर सौंपा, लेकिन आईसीय बनाने वाली कंपनी ने महज औपचारिकताएं कर कागजी आईसीयू बना दिए. बारां में आईसीयू वार्ड में तो ताला लगा है. 18 आईसीयू बेड, वेंटिलेटर कुल 1.25 करोड़ से अधिक के उपकरण में पानी और फंगस कमरे में घूंसे हुए हैं. दीवारों पर फंगस है, पानी टपकता है. ऐसे में करोडों के उपकरण कबाडें में तब्दील हो गएं हैं, लेकिन जिम्मेदार भी हाथ पर हाथ रखकर बैठें और गंभीर मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
साथ ही बारां जिला अस्पताल नर्सिग अधिकारी धर्मेन्द्र मीणा का कहना है कि सरकार द्धारा बारां में सवा साल पहलें 18 बेड का आईसीयू वार्ड खोलने के लिए सरकार द्धारा टेरकी बेसिस पर सवा करोड़ के अहमदाबाद से उपकरण भेजे गए हैं. कंपनी के अधिकारी आईसीयू बेड के उपकरणों को चालू किए बिना ही कमरे में रखकर चले गए. ऐसे में आईसीयू वार्ड चालू नहीं हो रहा है.
Reporter: Ram Mehta
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