भंवर जितेंद्र सिंह के बिगड़े बोल, कहा- टीकाराम जूली, बालकनाथ जैसे 10 बाबाओं को उठाकर फेंक सकते हैं
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भंवर जितेंद्र सिंह के बिगड़े बोल, कहा- टीकाराम जूली, बालकनाथ जैसे 10 बाबाओं को उठाकर फेंक सकते हैं

अलवर जिले में कांग्रेस की हार की समीक्षा को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में जितेंद्र सिंह के बिगड़े बोल सामने आए हैं. जिसमें वह कह रहे हैं की जूली के आगे बाबा क्या है ? जूली ऐसे 10 बाबाओं को उठाकर फेंक सकते हैं.

भंवर जितेंद्र सिंह के बिगड़े बोल, कहा- टीकाराम जूली, बालकनाथ जैसे 10 बाबाओं को उठाकर फेंक सकते हैं

Alwar Political News: अलवर जिले में कांग्रेस की हार की समीक्षा को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में जितेंद्र सिंह के बिगड़े बोल सामने आए हैं. जिसमें वह कह रहे हैं की जूली के आगे बाबा क्या है ? जूली ऐसे 10 बाबाओं को उठाकर फेंक सकते हैं. दरअसल बैठक में हार की समीक्षा को लेकर चर्चा हो रही थी. और हार की खीज को मिटाने के लिए भंवर जितेंद्र सिंह एक बार फिर कार्यकर्ताओं के बीच में अपने आप को सुपर पावर समझने के लिए जिस तरीके से विधानसभा में विधायक दल का नेता होता है .ऐसे ही अलवर में भी विधायक दल का नेता बनाया और जिन सीटों पर कांग्रेस चुनाव हारी है. उन सीटों पर विजेता विधायकों को प्रभारी विधायक बनकर विधानसभा में वहां की समस्या उठाने का जिम्मा सोपा गया.

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हर विधानसभा में प्रभारी विधायक लगाने का फैसला लिया गया है. जिसमें अलवर ग्रामीण से विधायक टीकाराम जूली को तिजारा का दायित्व सोपा गया है. तिजारा में बाबा बालक नाथ विधायक बने हैं. उन्होंने कहा कि बाबा से लड़ने के लिए टीकाराम जूली को तिजारा भेजा गया है. और वैसे जूली के आगे बाबा कुछ भी नहीं है. जूली ऐसे 10 बाबाओ को उठाकर फेंक सकते हैं. तिजारा से कांग्रेस के इमरान खान चुनाव हार गए थे. इसी तरह उन्होंने बहरोड में मुंडावर के विधायक ललित यादव को प्रभारी विधायक बनाया. जो वहां के प्रत्याशी संजय यादव से मिलकर विधानसभा में वहां की समस्या उठाएंगे.

इसके अलावा उन्होंने कि विजेता विधायकों को प्रभारी विधायक बनाया. लेकिन अलवर जिले में 6 कांग्रेस के विधायक जीते हैं. यहां भी प्रभारी विधायक बनाया गया है. जिसमें जुबेर खान है. जो रामगढ़ से विधायक हैं. उन्होंने कहा कि जुबेर खान अलवर में रहते हैं. सभी विधायकों को को-ऑर्डिनेट करेंगे और जो भी समस्या होगी मिल बैठकर दूर करने में मदद करेंगे. अलवर शहर से भारतीय जनता पार्टी की हार को सबसे ज्यादा गंभीरता से देखा जा रहा है. और खुद जितेंद्र सिंह ने इस बात को मान रहे हैं कि आजादी के बाद से अलवर शहर में ज्यादातर भारतीय जनता के विधायक बने हैं .1984 में पुष्पा शर्मा कांग्रेस विधायक बनी थी. उसके बाद 1998 में मैं विधायक बना था .बाकी के समय यहां ज्यादातर भाजपा के विधायक रहे हैं और इसलिए कमल के फूल पर बीजेपी को वोट देते देते उनकी आदत हो गई है. हो सकता है इसलिए भारतीय जनता पार्टी अलवर शहर से जीत गई.अलवर शहर से कांग्रेस से अजय अग्रवाल ने बहुत मेहनत की है.

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