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Mamta Bhupesh: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की चर्चित मंत्री ममता भूपेश को कांग्रेस ने स्टार प्रचारक बनाया है. ममता ने 6 नवंबर को ही दौसा के सिकराय से अपना नामांकन दाखिल किया है. ममता भूपेश को अक्सर लोग राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कार्बन कॉपी बताते हैं.
दरअसल साल 2018 में ममता भूपेश तब सुर्खियों में आई जब सिकराय की जनता ने उन्हें विधायक के रूप में चुनकर विधानसभा भेजा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी सौंपी. 50 साल की ममता भूपेश ने भाजपा के विक्रम बंसीलाल को 33,000 से ज्यादा मतों से शिकस्त दी थी.
अनुसूचित जाति से आने वाली ममता भूपेश पर कांग्रेस ने एक बार फिर भरोसा जताया है और उन्हें सिकराय से फिर टिकट दिया है. पिछले 5 साल के कार्यकाल के दौरान ममता भूपेश कई बार सुर्खियों में रही. उनके पति डॉक्टर घनश्याम बैरवा एक आईएएस अधिकारी हैं. ममता ने अपनी मृत्यु के बाद देहदान की भी घोषणा की है.
तकरीबन 10 महीने पहले जयपुर स्थित राजभवन में संविधान पार्क के उद्घाटन के दौरान जब मंत्री ममता भूपेश कार्यक्रम में पहुंची तो मंच संचालक ने उन्हें वसुंधरा राजे समझ लिया और मंच से संबोधित करते हुए कहा कि हमारे बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहुंच चुकी है. जिनका हम अभिनंदन करते हैं. हालांकि वहां बैठे लोग ममता भूपेश को पहचान गए और ठहाके लगाने लगे. इसके बाद मंच संचालक ने अपनी गलती सुधारी और कहा कि मुझे दूर से ऐसा लगा कि जैसे वसुंधरा राजे आई हैं.
2023 के विधानसभा चुनाव में ममता भूपेश का मुकाबला भाजपा के विक्रम बंसीवाल से है. 43 साल के विक्रम बंसीलाल को भाजपा की ओर से दूसरी बार टिकट मिला है. उनके पिता भी विधायक रह चुके हैं. इस सीट पर अब तक सात बार कांग्रेस और चार बार भाजपा ने जीत दर्ज की है.
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