RBSE Result Out: हाल ही में आरबीएसई के बारहवीं कला संकाय के आये परीक्षा परिणामो में छात्राए छात्रों की अपेक्षा आगे रही, लेकिन जब ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली गरीब परिवार की छात्रा जब अपने क्षेत्र में टॉपर बनती है तो उनके परिवार का खुशी का ठिकाना नहीं रहता.
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Bansur: हाल ही में आरबीएसई के बारहवीं कला संकाय के आये परीक्षा परिणामो में छात्राए छात्रों की अपेक्षा आगे रही, लेकिन जब ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली गरीब परिवार की छात्रा जब अपने क्षेत्र में टॉपर बनती है तो उनके परिवार का खुशी का ठिकाना नहीं रहता.
जी हां हम बात कर रहे हैं कि अलवर जिले के नारायण पुर कस्बे की जहां के छात्रा रवीना ने 12वीं कला संकाय में 93 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. आपको सुनकर हैरत होगी कि रवीना कच्ची झोपड़ी में रहती है, जिसमें बिजली का कनेक्शन तक नहीं है. रवीना ने लाल टेन में पढ़-पढ़ कर यह सफलता हासिल की है.
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रवीना गुर्जर के पिता की मौत 12 साल पहले ही हो चुकी है, जब रवीना का बचपन खेलने कूदने का था, उसी समय से ही उसने अपने परिवार की जिम्मेदारी को समझते हुए पढ़ लिख कर आगे बढ़ने का निश्चय किया, लेकिन मां की बीमारी के चलते उसे बकरियां भी चरानी पड़ती. घर का गुजारा भी पशुपालन से ही चल रहा था. घर की जिम्मेदारियों के बाद भी रवीना ने अपना लक्ष्य नही छोड़ा. वह नारायणपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक विधायल में पढ़ रही थी, उसका लक्ष्य पढ़ लिख कर पुलिस में नौकरी पाना है.
घर के हालात ऐसे थे कच्चे घरों में रहने वाली रवीना गुर्जर रात को लालटेन की रोशनी में बैठ कर अपनी पढ़ाई किया करती थी. हाल ही में 12 के कला वर्ग के परीक्षा परिणाम में नारायणपुर उपखंड की बेटी ने 93 प्रतिशत अंक प्राप्त कर नारायणपुर उपखंड में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. यहां तक की थानागाजी, नारायणपुर तहसील में भी रवीना टॉपर रही है. नारायणपुर के एक छोटे से गांव गढ़ी की रहने वाली छात्रा रवीना गुर्जर ने गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रही है, जब उसका स्कूल के मास्टर उसको बधाई देने उसके घर पहुंचे तो रवीना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उसे विश्वास ही नहीं हुआ की वह नारायणपुर, थानागाजी की टॉपर बन गई है.
रवीना के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है. पिता की मौत बचपन में ही हो गई थी. वहीं उनकी माता विद्यादेवी बीमार है, जिसका गुर्दे का तीन साल पहले ऑपरेशन हुआ था, जिसकी दवा चल रही है. रवीना परिवार में तीसरे नंबर की बेटी है, जिसका परिवार के हालात खराब होने पर भी रवीना ने पढ़ाई जारी रखी. परिवार का खर्च पशु पालन से चलता है.
रवीना बकरियां चराती है और अपनी मां का घर में हाथ बटाती है. रवीना गुर्जर की दादी जाना देवी, जिसकी उम्र करीब 90 साल है .उसने बताया कि उसकी पौती रवीना 12 वीं कक्षा में टॉपर आने पर खुशी के आंसूओं को रोक नहीं पाई और उसने बेटी को आशीर्वाद दिया. रवीना गुर्जर के दो भाई हैं एक बड़ा दूसरा छोटा है, जो कक्षा 10 वीं की परीक्षा दी है, जिसका परिणाम आने वाला है. रवीना गुर्जर आगे पुलिस सेवा में भर्ती होकर जनता की सेवा करना चाहती है. रवीना गुर्जर के तीन कच्चे घर है जिनपर तिरपाल डाल रखा है, जिनमें आज भी बिजली कनेक्शन नहीं है.
Reporter- Jugal Kishor
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