दूध मिष्ठान भंडार पर फायरिंग का पुलिस ने किया खुलासा, आरोपियों ने ऐसे दिया वारदात को अंजाम
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दूध मिष्ठान भंडार पर फायरिंग का पुलिस ने किया खुलासा, आरोपियों ने ऐसे दिया वारदात को अंजाम

शहर में शिवाजी पार्क थाना क्षेत्र की तिजारा रोड स्थित दूध मिष्ठान भंडार पर इसी माह की 9 तारीख को दोपहर में दिनदहाड़े फायरिंग कर 50 लाख की फिरोति मांगने के मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

दूध मिष्ठान भंडार पर फायरिंग का पुलिस ने किया खुलासा, आरोपियों ने ऐसे दिया वारदात को अंजाम

अलवर: शहर में शिवाजी पार्क थाना क्षेत्र की तिजारा रोड स्थित दूध मिष्ठान भंडार पर इसी माह की 9 तारीख को दोपहर में दिनदहाड़े फायरिंग कर 50 लाख की फिरोति मांगने के मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस की टीम का गठन किया गया, जिसने मामले की जांच पड़ताल करते हुए आरोपियों तक पहुंची.

उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों 19 वर्षीय धीरज जांगड़ा उर्फ शूटर पुत्र मनोज कुमार निवासी न्यू आदर्श नगर रेवाड़ी हरियाणा व 20 वर्षीय ओमबीर उर्फ बाबा जाट निवासी जाटूवास जिला रेवाड़ी हरियाणा का रहने वाला है उसे गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से एक पिस्टल 32 ईन्च, एक मोटर साइकिल स्पेलन्डर प्लस तथा दो हेलमेट बरामद किए हैं.

एसपी ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने हरिद्वार, दिल्ली, रेवाड़ी आदि स्थानों पर दबिश दी. पुलिस टीम को मिली सूचना के बाद पुलिस टीम हथियारों से लैस होकर वृत्ताधिकारी आदित्य पूनिया के नेतृत्व में पहुंची, जहां रेवाड़ी-अलवर बॉर्डर पर ग्राम पावटी प्राणपुरा के समीप साबी नदी में दो संदिग्ध बैठे दिखाई दिये जिस पर पुलिस टीम ने घेरा डालकर दबोच लिया गया.

वारदात का तरीका

 पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने बताया कि यह वारदात जेल में निरूद्व नवीन गुर्जर व मोहित डांडी द्वारा धीरज जांगड़ा उर्फ शूटर के साथ मिलकर रची गई. इसी माह की 5 तारीख को धीरज जांगड़ा भोंडसी जेल में नवीन गुर्जर व मोहित डांडी से मिलने गया, जहां नवीन गुर्जर मोहित डांडी ने धीरज जांगड़ा को बताया कि भोंडसी जेल में जेल प्रशासन की सख्ती के कारण हम अलवर जेल में जाना चाहते हैं. इस मकसद को पूर्ण करने के लिये धीरज जांगड़ा को निर्देश दिए गए कि अलवर शहर में फिरोति व फायरिंग की घटना को अंजाम दें ताकि हमें अलवर जेल भेज दिया जाये. जेल से बाहर आकर धीरज जांगड़ा अपने साथ ओमबीर जाट उर्फ बाबा जाट को घटना में शामिल होने को कहा गया तथा 9 जुलाई 22 को इस वारदात को अंजाम देने का फैसला लिया गया. इसी दिन इस घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी रेवाड़ी की तरफ भाग निकले.

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