Alwar: ग्रामीण ओलंपिक में न पीने को पानी, न छाया को टेंट, कैसे निखरेगी प्रतिभा
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Alwar: ग्रामीण ओलंपिक में न पीने को पानी, न छाया को टेंट, कैसे निखरेगी प्रतिभा

अलवर के रामगढ़ में ग्रामीण ओलंपिक खेलों में चारों ओर अव्यवस्थाओं का आलम. ग्रामीण ओलंपिक खेलों के इस महाकुंभ में गहलोत सरकार का प्रयास रहा है कि फिट राजस्थान, स्वस्थ राजस्थान बने. गहलोत सरकार इस आयोजन के बहाने युवाओं को रिझाने के प्रयास में जुटी हैं, लेकिन खेलों के दौरान सामने आ रही अव्यवस्थाओं के चलते खिलाड़ियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पानी तलाशते खिलाड़ी

Alwar: अलवर के रामगढ़ में ग्रामीण ओलंपिक खेलों में चारों ओर अव्यवस्थाओं का आलम नजर आया. एक तरफ प्रदेश भर में चल रहें ग्रामीण ओलंपिक खेलों के इस महाकुंभ में गहलोत सरकार का प्रयास रहा है कि फिट राजस्थान, स्वस्थ राजस्थान बने. गहलोत सरकार इस आयोजन के बहाने युवाओं को रिझाने के प्रयास में जुटी हैं, लेकिन खेलों के दौरान सामने आ रही अव्यवस्थाओं के चलते खिलाड़ियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ब्लॉक स्तर पर स्थानीय प्रशासन की अनदेखी बच्चों की परेशानी को नहीं देख पा रही, ऐसे में कही सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का उल्टा असर न हो जाये. 

गोविन्दगढ़ में ब्लॉक स्तर के खेलों का महाकुंभ राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक की शुरुआत हुई, जिसका प्रारंभ विधायक साफिया जुबेर खान, प्रधान रसनम, गोपाल चौधरी एवं उपखंड अधिकारी रेखा मीणा के द्वारा सरस्वती माता के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया. खेलों के इस महाकुंभ में गोविंदगढ़ ब्लॉक के 1364 बच्चे भाग ले रहें हैं, जिनके लिए एक खेल मैदान एवं भोजन आदि की व्यवस्था तो की गई लेकिन यहां पानी के भरे कैम्पर खाली हो गए तो, उन्हें भरने वाला कोई नहीं था, यहां बच्चे पानी के कैम्परों से पानी तलाशते हुए नजर आए.

यहां खेलने आये मौलिया विद्यालय के बच्चे अपनी शिकायत लेकर उपखंड अधिकारी रेखा मीणा के पास पहुंचे और भोजन नहीं मिलने की शिकायत की, जिसके बाद उपखंड अधिकारी रेखा मीणा विद्यालय में पहुंची और वहां पर आयोजकों से इस बारे में जानकारी ली और उन्हें तत्काल बच्चों को भोजन की व्यवस्था किए जाने के आदेश दिए. यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि जहां राजस्थान सरकार बच्चों में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए इन कार्यक्रमों का आयोजन कर रही हैं, वहीं विद्यालय एवं यहां के अधिकारी इन्हें सिर्फ खानापूर्ति साबित कर पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहें हैं, क्योंकि उनका उद्देश्य प्रतिभाओं को निखारना नहीं केवल इन कार्यक्रमों की खानापूर्ति कर जल्द से जल्द छुटकारा पाना है.

इस दौरान सुबह सात बजे आये बच्चों को दोपहर दो बजे तक खाने को कुछ नहीं मिला, तो कुछ लोग बाहर से अपनी व्यवस्था करके खाना लाये. वहीं खाना वितरण के दौरान भी मारामारी का आलम रहा, खाने को लेकर अधिकारियों के आगे की जा रही शिकायत के दौरान अध्यापक भी उलझते नजर आये.

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