KishangarhBas: कस्बे में सड़कों पर भरा नालों का गन्दा पानी, अनदेखी के चलते बना उपेक्षा का शिकार
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KishangarhBas: कस्बे में सड़कों पर भरा नालों का गन्दा पानी, अनदेखी के चलते बना उपेक्षा का शिकार

प्रदेश भर में अपनी विशेष पहचान रखने वाला अलवर जिले का किशनगढ़ बास कस्बा पिछले कई सालों से जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उदासीनता तथा अनदेखी के चलते उपेक्षा का शिकार बना हुआ है.  

 KishangarhBas: कस्बे में सड़कों पर भरा नालों का गन्दा पानी, अनदेखी के चलते बना उपेक्षा का शिकार

 KishangarhBas: प्रदेश भर में अपनी विशेष पहचान रखने वाला अलवर जिले का किशनगढ़ बास कस्बा पिछले कई सालों से जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उदासीनता तथा अनदेखी के चलते उपेक्षा का शिकार बना हुआ है.  पूरे कस्बे में जगह-जगह गन्दगी का आलम है. 

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नगरपालिका किशनगढ़ बास के वार्ड 14 की पार्षद मीनाक्षी देवी ने कस्बे के गंज रोड़ पर भरे गन्दे पानी की समस्या को लेकर नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी महेश कुमार गुर्जर को ज्ञापन सौंपा. और आम रास्ते में गन्दे पानी की समस्या से निजात दिलाने की मांग की है. 

ज्ञापन में बताया गया कि, वार्ड संख्या 14 स्थित गंज रोड़ पर नालों का गन्दा पानी काफी लम्बे समय से मुख्य रास्ते में भर रहा है जिससे आम नागरिकों इस रास्ते से गुजरना दूभर हो गया है. पूर्व में भी कई बार इस समस्या की शिकायत लिखित व मौखिक रुप से पालिका प्रशासन को दी गई है, लेकिन समस्या आज तक जस की तस बनी हुई है.

 इसी रास्ते से कन्या उच्च माद्यमिक विद्यालय की बालिकाओं का आना जाना होता है जो अब गन्दे पानी की समस्या के कारण बन्द हो गया है और विद्यालय की बालिकाओं को विद्यालय में आने-जान के लिए कस्बे में होकर घूमकर जाना पड़ रहा है जिससे बालिकाओं को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

 नगर पालिका में करोड़ों रुपये का बजट उपलब्ध होनें के बावजूद भी पालिका प्रशासन की लापरवाही व उदासीनता के चलते विकट समस्याओ को सामना करना पड़ रहा है. पालिका प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को वार्ड वासियों द्वारा दर्जनों बार इस समस्या से अवगत कराया गया है. 

 इस समस्या का समाधान करनें की बात तो दूर इन्होंने इस ओर झांककर देखना भी मुनासिब नहीं समझा है तथा वार्डवासियों व आमजन को इन हालातों सें स्वयं निपटनें के लिए छोड़ दिया है. चुनावों के समय पर लम्बे-लम्बे वादे और आश्वासन देने व करोड़ों रुपये का विकास कार्य करवानें का बखान करने वाले जनप्रतिनिधि अब आंखों पर पट्टी बांधकर चुप्पी साधे हुए हैं.

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