Rajasthan Election news: राजस्थान के अलवर कांग्रेस के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया और अलवर के जिला अध्यक्ष सहित पदाधिकारी ने वैश्य समाज से जुड़े अलवर नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन अजय अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित करते हुए उन्हें माला पहनाई.
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Rajasthan Election: राजस्थान के अलवर कांग्रेस के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया और अलवर के जिला अध्यक्ष सहित पदाधिकारी ने वैश्य समाज से जुड़े अलवर नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन अजय अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित करते हुए उन्हें माला पहनाई. ये भी चर्चा का विषय बना हुआ है. इधर पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा की प्रत्याशी की घोषणा एआईसीसी करती है लेकिन अलवर के कांग्रेस की भावना है कि अजय अग्रवाल को टिकट मिले और इस भावना के आधार पर अजय अग्रवाल का नाम घोषित किया गया है.
अलवर शहर से अजय अग्रवाल को टिकट देने की अलवर कांग्रेस स्तर पर घोषणा की गई है. पार्टी की घोषणा से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री ने माला पहनाई. जिला अध्यक्ष ने मंच से अनाउंस किया कि कांग्रेस ने अलवर शहर से अजय अग्रवाल को टिकट दे दिया है. अलवर की एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में बकायदा घोषणा की गई. पार्टी की तरफ से घोषणा होने से पहले अलवर में पूर्व केंद्रीय मंत्री के सामने जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने घोषणा कर दी.असल में अलवर शहर के स्वरूप विलास होटल में पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई गई थी.
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जिसमें कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने मंच से कहा कि भंवर साहब आपकी तरफ से अजय अग्रवाल को बधाई दे दूं. उन्होंने कहा है फिर वहां मौजूद कांग्रेस नेताओं ने अजय अग्रवाल को मालाएं पहना दी और भंवर जितेंद्र सिंह के जयकारे लगाए गए. यह भी कहा कि एआईसीसी की घोषणा होने से पहले मीडिया को सूचना दे दी. जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा ने इस मौके पर कहा कि अलवर से 35 लोगों ने अपने आवेदन किए थे और सारे योग्य उम्मीदवार थे लेकिन उनमें लॉटरी अजय अग्रवाल के नाम निकली है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नाम की घोषणा एआईसीसी करती है. लेकिन अलवर कांग्रेस की भावना है कि अजय अग्रवाल को टिकट मिले .अकेला जितेंद्र सिंह कोई घोषणा नहीं करता. अलवर कांग्रेस की भावना है इस आधार पर अजय अग्रवाल को टिकट मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब मैं विधानसभा का चुनाव लड़ रहा था तब भी अजय अग्रवाल अलवर शहर से चुनाव लड़ रहे थे और बीजेपी से नगर परिषद के अध्यक्ष रहते हुए भी उन्होंने अलवर शहर के लिए काफी काम किया. तिजारा से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए इमरान खान ने भी लोकसभा में मेरे खिलाफ चुनाव लड़ा था. लेकिन सर्वे के आधार पर जिनका नाम आता है. कांग्रेस पार्टी चर्चा करती है. और फिर उनको टिकट देती है.
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पूर्व सांसद डॉक्टर करण सिंह के आरोपो के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं उनका सम्मान करता हूं वरिष्ठ नेता हैं. इस संबंध में उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. लेकिन यह बात सही है कि जो मैं चाहता हूं वह हो जाता है. अलवर की जनता के मिले प्यार से वह एक कार्यकर्ता से आज एआईसीसी के महासचिव पद तक पहुंचे हैं . इसलिए कांग्रेस को यह अपेक्षा रहती है कि जो भंवर जितेंद्र सिंह कर देते हैं वह फाइनल हो जाता है. बागीयों के सवाल पर उन्होंने कहा कि बागियों को हम समझा लेंगे और ऐसा कोई बात नहीं है. अभी चुनाव में काफी समय है. कठूमर, राजगढ़, बहरोड और तिजारा विधानसभा में पैसे लेकर टिकट देने के आरोपों पर इन्होंने कहा कि टिकट देने की प्रक्रिया है. और उसी के तहत टिकट मिलता है और यह सभी आरोप निराधार हैं .
अब जातीय धर्म के नाम पर चुनाव लड़े जा रहे
उन्होंने बताया कि पहले राजनीति में एक दूसरे पर आरोप नहीं लगते थे. लेकिन अब जातीय धर्म के नाम पर चुनाव लड़े जा रहे हैं और मंचों के माध्यम से क्या-क्या बातें कहीं जा रही हैं. मैं पिछले दो दिन से बाद पीड़ित और दुखी हूं सभी टिकट मांगने वाले मेरे परिवार की सदस्य हैं . उन्होंने कहा कि अलवर शहर में 15 साल से कांग्रेस की सीट नहीं जीती है. लेकिन अब सोचना पड़ेगा कि आखिर क्या कारण है. और सभी कांग्रेसियों को एकजुट होकर अलवर की सीट को निकालना है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ऐतिहासिक योजनाओं से हर घर में लाभ पहुंचा है और राजस्थान में इनकंबेंसी भी नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि 5 साल में उनकी कोई ऐसी उपलब्धि नहीं है जिनका गिनाया जा सके. ईआरसीपी के नाम पर केंद्र ने छलावा किया. राज्य के सभी बीजेपी सांसदों ने राज्य की जनता के कोई मुद्दे नहीं उठाए.
कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किए गए अजय अग्रवाल ने कहा कि वह सभी समाजों को साथ लेकर चुनाव लड़ रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने जब वैश्य समाज को टिकट नहीं दिया तब कांग्रेस से अपेक्षा होना स्वाभिक है और कांग्रेस ने अब मुझे टिकट दिया है. राजनीति मेरा पेशा नहीं शौक है और मैं अलवर शहर के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोडूंगा. शहर की सूरत बदलनी चाहिए मेरा एक विजन है कि शहर का विकास किस तरह हो और जनता क्या चाहती है. उनसे जब पूछा गया कि वर्तमान विधायक संजय शर्मा और पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल और आप एक मंच पर ही बैठे हैं. तो ऐसे में किस आधार पर चुनाव लड़ेंगे. तो उन्होंने कहा कि राजनीति के खेल है जहां समय-समय पर सब कुछ बदलता रहता है.अजय अग्रवाल खुद बीजेपी से कांग्रेस में आए हैं.
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11सीटों में से 10 पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए
विशेष कांग्रेस पार्टी ने अलवर जिले की 11 विधानसभा सीटों में से 10 पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए थे लेकिन अभी तक अलवर शहर को होल्ड पर रखा गया है और पार्टी ने अजय अग्रवाल के नाम की विधिवत कोई घोषणा नहीं की लेकिन आज अलवर कांग्रेस के कद्दावर नेता जितेंद्र सिंह और जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा ने उनकी घोषणा कर एक नए विवाद को भी जन्म दे दिया है कि आखिर पार्टी की घोषणा से पहले यह नेता कैसे प्रत्याशी घोषित कर सकते हैं. क्योंकि यहां पर कांग्रेस के कई नेता टिकट के दावेदारी कर रहे थे जिसमें विगत चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी रही श्वेता सैनी ने भी इस बार पूरे दमखम के साथ चुनाव में टिकट मांगा है .इस संबंध में समाज की मीटिंग हुई थी जिसमें भी सैनी समाज के प्रतिनिधि को टिकट देने की मांग की गई थी.
लगातार यह माना जा रहा था कि कांग्रेस इस बार वैश्य समाज के प्रति निधि को टिकट देगी जिसमें अजय अग्रवाल का नाम सबसे आगे चल रहा था. विवादों का जन्म अलवर शहर में ही नहीं, अलवर जिले में पहली बार पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह का विरोध हो रहा है. पूर्व सांसद डॉक्टर करण सिंह ने तो दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और कहा कि अलवर से जितेंद्र सिंह भगाओ कांग्रेस बचाओ.