वेंकटेश बालाजी दिव्य धाम मन्दिर में हुआ अनकूट महोत्सव
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1420523

वेंकटेश बालाजी दिव्य धाम मन्दिर में हुआ अनकूट महोत्सव

श्री वेंकटेश बालाजी दिव्य धाम में 8000 भक्तों ने ग्रहण किया अन्नकूट का प्रसाद . 156 व्यंजनों की सजी झांकी काला कुआं रामकिशन कारणों में स्थित श्री वेंकटेश बालाजी दिव्य धाम में प्रातः काल भगवान की मंगला आरती के बाद शालिग्राम भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया गया.

वेंकटेश बालाजी दिव्य धाम मन्दिर में हुआ अनकूट महोत्सव

अलवर: श्री वेंकटेश बालाजी दिव्य धाम में 8000 भक्तों ने ग्रहण किया अन्नकूट का प्रसाद . 156 व्यंजनों की सजी झांकी काला कुआं रामकिशन कारणों में स्थित श्री वेंकटेश बालाजी दिव्य धाम में प्रातः काल भगवान की मंगला आरती के बाद शालिग्राम भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया गया. विष्णु सहस्त्रनाम का पारण तुलसी अर्चना के पश्चात भगवान का पुष्प श्रंगार करके 156 भोगों की झांकी सजाई गई . गौ माता का पूजन किया गया तत्पश्चात आरती करके प्रसाद वितरण प्रारंभ हुआ . 15 क्विंटल कड़ी . 5 क्विंटल बाजरा, 3 क्विंटल चावल,  7 क्विंटल सब्जी प्रसाद के रूप में वितरित की गई . प्रातः 10:30 बजे से 1:30 बजे तक भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं . महिलाओं की अलग पंक्ति पुरुषों की अलग पंक्ति अपने अपने बर्तन लेकर के प्रसाद लेकर के अपने घर को गए .

स्वामी सुदर्शनाचार्य के अनुसार प्रकृति ही परमात्मा का स्वरूप है पहले नया अन्न खेत में होने पर कृतज्ञता रूप में देवराज इंद्र वर्षा के देवता कहलाते हैं इसलिए उनके प्रति कृतज्ञ भाव में संपूर्ण सनातन संस्कृति को मानने वाले लोग देवराज इंद्र की पूजा किया करते थे . कालांतर में परमात्मा श्री कृष्ण ने प्रकृति ही परमात्मा का स्वरुप है यह संसार को शिक्षा देने के लिए गिरिराज पर्वत के सन्निकट छप्पन भोग की झांकी सजाकर स्वयं उस भोग को ग्रहण किया था तभी से गिरिराज जी की पूजा अन्नकूट महोत्सव मनाया जाने लगा भगवान का दर्शन करने के लिए और अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण करने के लिए शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे,

इसमें कमल झिरिवाल . जगदीश बेनीवाल, अजय झालानी, अशोक सिंघानिया, अशोक सैनी . दौलत राम हजरती सहित अन्य शहरों से भी भक्तों का आगमन हुआ . जिसमें नोएडा से विजेंद्र शर्मा . प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश से बालमुकुंद तिवारी, राहुल सिंह जयपुर से राम प्रकाश चौधरी .ओम प्रकाश चौधरी कानपुर उत्तर प्रदेश से शिव शरण शुक्ला व अन्य भक्तजन भगवान के दर्शन के लिए पहुंचे.

Trending news