Alwar: कौन है हनुमान सैनी, जिसके 35 साल बाद जिंदा लौटने पर परिजन बोले- बजरंगबली का चमत्कार
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Alwar: कौन है हनुमान सैनी, जिसके 35 साल बाद जिंदा लौटने पर परिजन बोले- बजरंगबली का चमत्कार

बानसूर के अधोपीया की ढाणी का रहने वाला हनुमान सैनी 35 साल पहले अचानक लापता हो गया. परिजनों ने कई सालों तक तलाश करने के बाद आखिरी में आस छोड़ दी थीं, लेकिन 35 साल बाद मंगलवार को अचानक ही घर पर आ जाने से परिजनों को विश्वास ही नहीं हुआ और भौंचक्के रह गए.

 

 

 

Alwar: कौन है हनुमान सैनी, जिसके 35 साल बाद जिंदा लौटने पर परिजन बोले- बजरंगबली का चमत्कार

Alwar return alive after 35 years: बानसूर में 35 साल पहले घर छोड़कर गया एक व्यक्ति मंगलवार को वापस आया है. 35 साल बाद घर वापसी पर परिजनों का खुशी का ठिकाना नहीं रहा. युवक अपनी मन मर्जी से परिजनों को बिना बताए घर से निकला था. जिसको लेकर परिजनों ने काफी तलाश की, लेकिन युवक का कोई सुराग नहीं लगा. परिजनों ने कई सालों तक तलाश करने के बाद आखिरी में आस छोड़ दी थीं, लेकिन 35 साल बाद मंगलवार को अचानक ही घर पर आ जाने से परिजनों को विश्वास ही नहीं हुआ और भौंचक्के रह गए.

35 साल बाद मंगलवार को घर लौटा बानसूर का हनुमान सैनी 

मामला बानसूर के अधोपीया की ढाणी का है. जहां 35 साल पहले हनुमान सैनी अचानक लापता हो गया, जो मंगलवार को अपने घर लौटा है. हनुमान सैनी ने बताया कि वो 35 साल पहले अपनी मन मर्जी से घर छोड़कर दिल्ली चला गया. वहां उसको एक महाराज मिले और वह उनके साथ नगरकोट वाली माता के चले गए. वहां पर 8 से 10 साल मंदिरों में पूजा पाठ करते रहें.

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इसके बाद महाराज के साथ गांधी धाम गुजरात आ गए और उसके बाद गुजरात गांधी धाम मंदिरों में रहे. उन्होनें बताया कि मैंने महाराज को अपना गुरु बना लिया था. अब तीन चार दिन पहले रात को मेरे गुरु को माता शक्तियों ने दर्शन दिए और मुझे घर जानें के आदेश दिए.

सपने में घर लौटने का दिया आदेश दिया अदृश्य शक्ति

जिसपर मेरे गुरु ने मुझे घर जाने के लिए कहा और मुझे ट्रेन में बिठा दिया. मैं ट्रेन से खैरथल आ गया और यहां उतरकर मैं ततारपुर चौराया तक पैदल आया इसके बाद मैंने बानसूर की बस पकड़ ली और सवासतया हनुमान मन्दिर उतर गया. इसके बाद मैंने यहां मेरे घर और भाईयों का अता पता पूछा तो एक युवक ने मुझे पहचान लिया और मेरे परिजनों को सूचना दी गई. सूचना पर मेरे परिजन पहुंचे और मुझे घर लेकर आ गए.

अपने ही घर का पता पूछा- हनुमान सैनी 

हनुमान सैनी के पुत्र रामचन्द्र सैनी ने बताया कि मेरे पिता हमे छोटी सी उम्र में ही छोड़कर चले गए थे. उस समय मेरी उम्र 7 साल थीं. मेरे पिताजी कक्षा 2 में मेरा एडमिशन करवा गए थे. पढ़ाई के लिए पैसे नहीं होने पर मैंने स्कूल छोड़ दी और नौकरी करने लग गया. परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल खराब हो गई थी. मेरी माता की आंखों में आसूं नहीं रुक रहे थे. मैंने 11 साल नौकरी करने के बाद खुद का धंधा कर लिया उसके बाद हमारी शादी की.

सुनाई आपबीती तो घर वाले रह गये भौंचक्के

वहीं कल मैं किसी प्रोग्राम में था वह पिता के मिलने की सुचना मिली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने कहा की हमे तो उम्मीद ही नहीं थी कि हमे हमारे पिता के दर्शन हो सकेंगे, लेकिन भगवान के आशीर्वाद से हमे हमारे पिता के दर्शन हुए हैं. कल से घर पर पिता के मिलने की सूचना पर लोग मिलने आ रहे हैं.

 

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