Pushkar News: दिर व्यवस्थापक अरूण पाराशर ने बताया कि अस्थाई मंदिर प्रबंध कमेटी के सचिव और एसडीओ सुखाराम पिंड्रेल के निर्देशन और नायब तहसीलदार सौदान राम जाट की उपस्थिति में बुधवार को मंदिर के दानपात्रों के गिनती की गई.
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Pushkar News: अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले सहित गत एक माह में जगत पिता ब्रह्मा मंदिर में लग रखे दानपात्रों की गिनती बुधवार को तीन दिन में पूरी हुई. इस दौरान खोले गए मंदिर के 15 दान पात्रों में 21 लाख रुपए का चढ़ावा आया है.
नोटों की गिनती पूरी सिक्के गिने जाएंगे आज
मंदिर व्यवस्थापक अरूण पाराशर ने बताया कि अस्थाई मंदिर प्रबंध कमेटी के सचिव और एसडीओ सुखाराम पिंड्रेल के निर्देशन और नायब तहसीलदार सौदान राम जाट की उपस्थिति में बुधवार को मंदिर के दानपात्रों के गिनती की गई, जिसमें 4 लाख 24 हजार 430 रूपए का चढ़ावा आया है. बताया कि पूर्व में दो दिन में 3 दानपेटियों से 17 लाख 7 हजार 80 रूपये का चढ़ावा निकला था, जबकि सिक्कों की गिनती अलग से की जाएगी. बताया कि आज गुरुवार को चढ़ावा राशि को मंदिर के बैंक खाते में जमा करा दिया गया है.
5 वर्षों में दुगनी हुई चढ़ावा राशि
अस्थाई मंदिर प्रबंधन कमेटी ने मुख्य रूप से मंदिर का खजाना भरने में विशेष रुचि दिखाई. ब्रह्मा मंदिर का नाम देश के शीर्ष करोड़पति मंदिरों में शामिल करवा दिया. वर्तमान में मंदिर को चढ़ावे से होने वाली सालाना आय डेढ़ करोड़ से अधिक है, जबकि लहरपुरी के समय मंदिर की सालाना आय केवल 8 से 10 लाख रुपए और सोमपुरी के समय अधिकतम 50 लाख रुपए रिकार्ड में दर्शायी जाती थी. वर्तमान औसत 15 से 20 लाख रुपए मासिक चढ़ावा आ रहा है.
वर्षों से अनसुलझा है मंदिर महंत की गद्दी का विवाद
बह्मा मंदिर में महंत की गद्दी पौने छह साल से खाली है. यहां नए महंत की नियुक्ति के लिए देवस्थान न्यायालय के फैसले का इंतजार किया जा रहा है. ब्रह्मा मंदिर के तत्कालीन महंत लहरपुरी महाराज का निधन 6 अक्टूबर 2013 की हुआ. इसके बाद उनके उत्तराधिकारी सोमपुरी ने मंदिर के 32वें महंत के रूप में गद्दी संभाली थी. वे सवा तीन साल तक महंत रहें. उन्होंने अपने अल्प समय के कार्यकाल के दौरान अपना कोई उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया.
साथ ही महंत सोमपुरी महाराज का 11 जनवरी 2017 को सड़क हादसे में निधन हो गया. इसी के साथ मंदिर में नए महंत की नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया. महंत की गद्दी के लिए महानिर्वाणी अखाड़े के साथ पुजारी परिवार समेत 7 लोगों ने दावेदारी की. यह महंताई विवाद सहायक आयुक्त देवस्थान न्यायालय अजमेर में पेंडिंग है. जगदुरु शंकराचार्य की महत्वपूर्ण गद्दी लंबे समय से उत्तराधिकारी महंत के इंतजार में खाली है. महंत की गैर मौजूदगी में मंदिर की कमान अस्थाई प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के रूप में कलेक्टर और सचिव के रूप में एसडीओ ने संभाल रखी है.
Reporter: Ashok Bhati
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