पुष्कर में श्राद्ध पक्ष के शुरू होते ही लगा श्रद्धालुओं का तांता, यहां पिंडदान करने की है विशेष मान्यता
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1345709

पुष्कर में श्राद्ध पक्ष के शुरू होते ही लगा श्रद्धालुओं का तांता, यहां पिंडदान करने की है विशेष मान्यता

मान्यता से प्रेरित होकर श्राद्ध पक्ष के पहले दिन शानिवर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पुष्कर पहुंचे और श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों की आत्मशांति के लिए पिंडदान और तर्पण किए. 

श्राद्ध पक्ष के शुरू होते ही लगा श्रद्धालुओं का तांता

Pushkar: धार्मिक नगरी पुष्कर में अपने पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए पिंडदान करने की मान्यता सदियों से चली आई है. विशेषकर श्राद्ध पक्ष में पिंडदान करने से व्यक्ति पितृ ऋण से मुक्त होता है, इसका उल्लेख पद्मपुराण में भी किया गया है. भगवान राम ने भी अपने पिता दशरथ का पुष्कर में श्राद्ध किया था. 

यह भी पढे़ं- पुष्करः नगर पालिका की सीवरेज व्यवस्था पर उठे सवाल, संसाधनों की कमी का दिया हवाला

इसी मान्यता से प्रेरित होकर श्राद्ध पक्ष के पहले दिन शानिवर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पुष्कर पहुंचे. श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों की आत्मशांति के लिए पिंडदान और तर्पण किए. वैसे तो धार्मिक नगरी पुष्कर में पूरे साल अलग-अलग तरह के धार्मिक आयोजन चलते रहते है, लेकिन श्राद्ध पक्ष के दौरान घाटो पर एक अलग सा द्रश्य देखने मिलता है. हर तरफ पिंडो में अपने पूर्वजों की आत्मा को ढूंढते श्रद्धालुओं का सैलाब इस बात का प्रमाण है की इस आधुनिक युग में भी लोग कहीं ना कहीं अपने इतिहास और संस्कृति से जुड़े हुए हैं.

पुरोहितों के अनुसार सारे तीर्थों में श्राद्ध करने के बाद भी पुष्कर में श्राद्ध करने से ही प्राणी की आत्मा को शांति मिलती है. पिण्डदान, तर्पण और धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए सुबह से ही सरोवर किनारे दूर-दराज के सैकड़ों श्रदालुओ का तांता लगना शुरू हो गया जो दिन भर जारी रहा. राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड सहित विभिन्न राज्यों के श्रद्धालुओं ने श्राद पक्ष के पहले दिन तीर्थ गुरु पुष्कर में पंडितों के आव्हान पर पितृ शान्ति के लिए पिण्डदान, तर्पण और धार्मिक अनुष्ठान किए. प्रतिप्रदा से शुरू हुआ ये दौर अमावस्या तक जारी रहेगा.

अपने जिले की खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

ये भी पढ़ें- Queen Elizabeth II Death: राजस्थान से रह चुका है महारानी का गहरा लगाव, हुआ था शाही स्वागत, झलक पाने को उमड़े थे लोग

पत्नी के मायके जानें से तनाव में रहता था पति, नहीं सह पाया बिछोह का दर्द, गमछे से बनाया मौत का फंदा

Trending news