सोने की पिचकारी लिए पुष्कर की गलियों में निकले भगवान, श्रद्धालुओं का लगा तांता
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सोने की पिचकारी लिए पुष्कर की गलियों में निकले भगवान, श्रद्धालुओं का लगा तांता

हाथ में सोने की पिचकारी लिए, सोने के रथ पर विराजे भगवान, अबीर केसर का से भक्तों को रंगते पुजारी, कस्बे की सड़कों पर जगह-जगह पारंपरिक रंगोली से स्वागत, यह नजारा था तीर्थ नगरी पुष्कर मैं आयोजित हो रहे ब्रह्मोत्सव का.

सोने की पिचकारी लिए पुष्कर की गलियों में निकले भगवान, श्रद्धालुओं का लगा तांता

Ajmer News : हाथ में सोने की पिचकारी लिए, सोने के रथ पर विराजे भगवान, अबीर केसर का से भक्तों को रंगते पुजारी, कस्बे की सड़कों पर जगह-जगह पारंपरिक रंगोली से स्वागत, यह नजारा था तीर्थ नगरी पुष्कर मैं आयोजित हो रहे ब्रह्मोत्सव का. जहां भगवान वैकुंठनाथ साल में एक बार मंदिर से निकल कर अपने भक्तों के साथ केसर और अबीर से होली खेलने पहुंचते हैं. भगवान के स्वागत में श्रद्धालु कस्बे की सड़कों पर पारंपरिक रंगोली बनाकर भगवान के आने का इंतजार करते हैं. बुधवार की शाम श्री रमा वैकुंठ (नया रंगजी) मंदिर से सोने की पालकी पर भगवान वैकुंठनाथ को विराजित कर सवारी निकाली गई.

वैकुंठनाथ ने खेली भक्तों के संग होली

पुष्कर के नए रंगजी मंदिर में आयोजित 11 दिवसीय ब्रह्मोत्सव के दौरान बुधवार शाम को बसंत की बड़ी सवारी धूमधाम से निकाली गई. सवारी के दर्शन करने पुष्कर समेत आस-पास के श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही. बुधवार को मंदिर के उत्सव मंडप में विशेष अभिषेक-अर्चना के साथ स्वर्ण आभूषणों से सुसज्जित भगवान वैकुंठनाथ की सवारी नगर परिक्रमा के लिए निकली गई. गाजे-बाजे के साथ शाम को मंदिर से शुरू हुई सवारी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. सवारी के दौरान सोने की पालकी में भगवान वैकुंठनाथ को स्वर्ण जड़ित पिचकारी से लक्ष्मी एवं गोदांबा जी के साथ केसर एवं अबीर से होली खेलते हुए शृंगारित किया गया. पुजारियों ने दर्शनार्थियों पर केसर के छींटे लगा कर होली खेली. मंदिर व्यवस्थापक सत्यनारायण रामावत ने बताया कि यह सवारी वराह घाट चौक, बद्री घाट, होली का चौक गऊ घाट,होली का चोक आदि मुख्य मार्ग से नगर भ्रमण करती हुई देर रात्रि को वापस मंदिर पहुँचेगी. जहाँ मंदिर में आरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा. सवारी के दौरान भगवान के स्वागत के लिए कस्बे भर की सड़कों पर श्रद्धालुओं ने पारंपरिक रंगोली बनाकर भगवान का स्वागत किया.

धार्मिक झांकियों से बड़ी सवारी की रौनक

बसंत की बड़ी सवारी के दौरान हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मंदिर के संगीत मण्डल ने भगवान के मधुर भजनों की प्रस्तुति दी. वहीं इस वर्ष विशेष झांकियों को सजाया गया. इस बार भगवान हनुमान की इलेक्ट्रॉनिक झांकी, राधा कृष्ण, विश्वामित्र और राम लक्ष्मण, भगवान शंकर, और खाटू श्याम की सजीव झांकियों का प्रदर्शन किया गया. भगवान का स्वरूप धरे कलाकारों ने कस्बे के मुख्य चौराहों पर अपनी संगीत में प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस दौरान विदेशी पर्यटक को सहित स्थानीय ने इन कलाकारों के साथ जमकर पैर थिरकाए.

अश्व सवारी का होता है साल भर इन्तजार

मंदिर के व्यवस्थापक सत्यनारायण रामावत ने बताया की नए रंगजी मंदिर में चल रहे 11 दिवसीय ब्रह्मोत्सव के तहत. गुरुवार 16 मार्च को कदम्ब और गज वाहन पर भगवन की सवारी निकलेगी. 17 मार्च को जलविहार उत्सव के बाद भगवन अश्व पर सवार होकर भक्तो को दर्शन देंगे. जिसके बाद परकाल स्वामी का बहुमान किया जायेगा. 18 मार्च शनिवार को भगवन यज्ञान्त स्नान के लिए पुष्कर सरोवर पर पधारेंगे. 19 मार्च रविवार को पुष्पक विमान में सवार होकर भगवन की सवारी निकली जाएगी. जसिके बाद अन्नकूट प्रसाद का वितरण भक्तो में किये जायेगा.

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