यूजर चार्ज को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने, आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी
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यूजर चार्ज को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने, आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी

 अन्य जिलों में यह यूजर चार्ज नहीं दिया जा रहा था तो फिर इसे अजमेर में लागू क्यों किया गया ऐसे में इस युद्ध चार्ज को लेकर शहर में राजनीति चरम पर है. नगर निगम की सरकार ने इसे फिलहाल के लिए टाल दिया है लेकिन बढ़ते निगम के खर्चे ओर आर्थिक तंगी के चलते कितने दिन तक नगर निगम प्रशासन इसे रोक पाता है यह कहना मुश्किल होगा.

यूजर चार्ज को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने, आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी

अजमेर: चुनावी साल होने के चलते यूजर चार्ज आम जनता से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. दोनों ही पार्टियों की ओर से यूजर चार्ज को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हुए ठीकरा फोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल रोके गए यूजर चार्ज के क्रियान्वयन को लेकर जनता को कितनी राहत मिलेगी यह सरकार के आगामी आदेश पर निर्भर है.

साल 2023 के दिसंबर महीने में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने को है. इससे पहले अजमेर की सरकार द्वारा राज्य सरकार के निर्देश बताते हुए स्वच्छता के नाम पर यूजर चार्ज व्यापारियों पर थोप दिया गया 3 महीने से अजमेर के अलग-अलग बाजारों में यूजर चार्ज लेने की कार्रवाई की जा रही है, जिसका हर क्षेत्र में विरोध किया जा रहा है. इसे लेकर बाजार बंद करने से लेकर अजमेर बंद भी करवाया गया था.

जानकारी के अनुसार, व्यापारियों के बाद यह यूजर चार्ज आम जनता पर भी लगाया जाना है. ऐसे में इसका विरोध शहर में तेज होने लगा. इस बढ़ते विरोध का फायदा अजमेर शहर कांग्रेस ने उठाने का प्रयास किया. अजमेर शहर की दोनों विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही नगर निगम के बोर्ड पर विगत 20 सालों से कांग्रेस कब्जा करना चाहती है, लेकिन उसे कोई मुद्दा नहीं मिल रहा था, जिसे लेकर वह अपने कदम आगे बढ़ाए. ऐसे में इस मुद्दे को वह भुनाना चाह रही थी और इसे लेकर अपना विरोध भी तेज किया गया.

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यूजर चार्ज को लेकर कांग्रेस फोड़ रही बीजेपी पर ठिकरा

जनता के बीच इसे लेकर यूजर चार्ज के समर्थन में उतर गई और इसका ठीकरा नगर निगम कि बीजेपी बोर्ड पर फोड़ा गया और बताया गया कि शहर के दोनों विधायक भी इसमे कुछ नहीं कर रहे. 9 महीने पहले हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को बीजेपी बोर्ड की ओर विरोध के बावजूद से पारित करते हुए जनता से वसूली की जा रही है. लगातार बढ़ते विरोध के बाद बीजेपी ने भी मोर्चा संभाला और इसे लेकर राजस्थान सरकार के आदेश बताते हुए सरकार के आदेश पर निगम आयुक्त द्वारा वसूली करने की बात कही गई.

बीजेपी ने राजस्थान सरकार पर लगाया वसूली करने का आरोप

9 महीने बाद जब नगर निगम की साधारण सभा आयोजित हुई तो 19 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए अजमेर दक्षिण विधायक अनीता बधेल साधारण सभा मे शिरकत करने पहुंची और उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी के साथ सामूहिक रूप से शामिल हुई और राजस्थान सरकार पर यूजर चार्ज को लेकर अपने आरोप जड़ दिए और बताया कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश भर में जबरन वसूली के लिए यूजर चार्ज का आदेश निकाला है. जिससे भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों ने खारिज कर दिया है और इस संबंध में अपने तर्क रखते बताया कि यह भाग्य कर नहीं है और इसे जनता पर नहीं थोपा जा सकता.

यूजर चार्ज पर निगम अधिकारी ने साधी चुप्पी

इसे कानून बनाकर ही राज्य सरकार भेजे तो इसे नगर निगम लेने के लिए बाध्य होगी यह बताते हुए साधारण सभा की बैठक में इसे स्थगित करने की मांग रखी गई. बीजेपी पार्षदों ने भी अपना विरोध जाहिर कर इसे खारिज कर दिया. अजमेर नगर निगम की कांग्रेस और बीजेपी पार्षदों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हुए यूजर चार्ज को स्थगित करने की मांग रखी, लेकिन इस विषय में नगर निगम अधिकारियों की ओर से कोई जवाब नहीं आया. वहीं, विरोध को बढ़ता देख अजमेर नगर निगम की महापौर ब्रज लता हाड़ा पार्षदों के लिखित पत्र को लेकर सरकार को पत्र लिखने की बात कही और बताया कि जब तक सरकार के आदेश दोबारा नहीं आते तब तक अजमेर शहर में यूजर चार्ज की वसूली नहीं की जाएगी. अगर इस दौरान चार्ज वसूला जाता है तो फिर इसका खामियाजा भी अधिकारियों को भुगतना पड़ेगा.

अब सवाल उठता है कि जब सरकार ने बोर्ड से यूजर चार्ज लेने के आदेश दिए थे तो उसे आनन-फानन में पास क्यों करवा दिया गया और यूजर चार्ज को लेकर बढ़ रहे विवाद के बाद सत्ता में बैठी कांग्रेस के अजमेर नुमाइंदों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं साथ ही अब आगामी विधानसभा के बजट सत्र में अजमेर की शहर विधायक इस मुद्दे को लेकर इतनी बात रखते हैं यह भी देखने वाली बात होगी जिसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक पार्टियां भी नजर बनाए हुए हैं और इसका विरोध शहर में लगातार देखने को मिल रहा .

राज्य सरकार पर 3 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना
जानकार एक्सपर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी द्वारा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम के तहत यूजर चार्ज लेने को लेकर फैसला लिया गया और राजस्थान में भी यूजर चार्ज लेने के आदेश निकाले गए, लेकिन राजस्थान सरकार यूजर चार्ज वसूलने में फेल रही इसके चलते राज्य सरकार पर 3 हजार करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया. जिसके बाद प्रत्येक जिले में यूजर चार्ज की पालना के निर्देश दिए गए लेकिन फिर भी इसकी वसूली सभी जिलों में यह नहीं हो सका साथ ही किस जिले में कितना यूजर चार्ज लिया जाता है इस पर केंद्र की ओर से दिया जाने वाला अनुदान निर्भर होती है.

इसी लिए प्रदेश के सभी स्थानों पर यूजर चार्ज लेने की पालना के निर्देश दिए गए थे इसे में अजमेर शहर में भी इसे लागू किया गया, लेकिन अजमेर में इस यूजर चार्ज को लेकर राजनीति शुरू हो गई. प्रदेश में कांग्रेस सरकार है तो वहीं अजमेर नगर निगम में बीजेपी का बोर्ड है. दोनों ही ओर से इस यूजर चार्ज की वसूली को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.

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