तीर्थ नगरी पुष्कर में हर महीने श्रद्धालुओं की डूबने से हो रही मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. प्रशासन की इस लापरवाही के कारण सरोवर पर सावधानी के लाल झंडे और स्थाई गोताखोरों की नियुक्ति तक नहीं हो पा रही है.
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Pushkar: तीर्थ नगरी पुष्कर में हर महीने श्रद्धालुओं की डूबने से हो रही मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. प्रशासन की इस लापरवाही के कारण सरोवर पर सावधानी के लाल झंडे और स्थाई गोताखोरों की नियुक्ति तक नहीं हो पा रही है.
रविवार को भी रामदेवरा दर्शन करने जाने वाले यात्रा की सरोवर में डूबने से मौत हो गई . पुष्कर पुलिस के अनुसार मृतक की पहचान 23 साल के रतनलाल के रूप में हुई . प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुष्कर सरोवर के गुर्जर घाट पर वह अपने साथियों के साथ नहाने के लिए उतरा था. गहरे पानी में जाने की वजह से रतनलाल डूबने लगा . रतनलाल के साथियों की चीख-पुकार सुनकर स्थानीय तीर्थ पुरोहित और पुलिस मित्र टीम के कैलाश ने सरोवर में छलांग लगाई. करीब आधे घंटे की मशक्कत के बावजूद रतन लाल को सरोवर से बाहर नहीं निकाला जा सका .
लंबे समय तक पानी में डूबे रहने के कारण रतन लाल की मौत हो गई . सूचना पर पहुंची पुष्कर पुलिस ने शव को राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया. रतनलाल के साथियों के जरिए इस दुखद घटना की सूचना परिवारजनों तक पहुंचाई . हैरानी की बात यह है कि एक लंबे अरसे से हर महीने सरोवर में डूबने से श्रद्धालुओं की मौत हो जाती है.
प्रशासन की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लगातार हो रही मौतों के बावजूद सरोवर पर ना तो सावधानी बरतने के लिए लाल झंडी लगाई गई है . और ना ही स्थानीय तीर्थ पुरोहितों की लंबे अरसे से चली आ रही गोताखोर रखने की मांग को पूरा किया गया है.
गौरतलब है कि हाल के दिनों में हुई बारिश के चलते सरोवर का जल स्तर 3 फुट और बढ़ गया है . जिससे सरोवर में डूबने का संकट बढ़ गया है. ऐसे में स्थानीय प्रशासन की उदासीनता देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की जान पर भारी पड़ रही है .
Reporter: Ashok Bhati
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