नसीराबाद के निकट इस विख्यात स्थान पर लगा कावडियों का तांता
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नसीराबाद के निकट इस विख्यात स्थान पर लगा कावडियों का तांता

जिले के नसीराबाद के निकट विख्यात भैरव धाम राजगढ़ पर सावन मास में श्रद्वालुओ का तांता लगा हुआ है.

भैरव धाम राजगढ़

Ajmer: जिले के नसीराबाद के निकट विख्यात भैरव धाम राजगढ़ पर सावन मास में श्रद्वालुओ का तांता लगा हुआ है. श्रद्वालुओं की बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज प्रात: काल ही बाबा भैरव, कालिका एवं मनोकामना पूर्ण स्तंभ की पूजा अर्चना कर रहें हैं. धाम प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि सावन मास के चलते कावड़ियों ने भी राजगढ़ धाम पर पहुँच कर बाबा भैरव, माँ कालिका के दर्शन कर मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा की.

चम्पालाल महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि वर्तमान में लंपी रोग के कहर से पीड़ित होकर गौवंश दम तोड़ रहा है, ऐसे में सभी श्रद्धालुओं को आगे आकर गौवंश का उपचार करवाकर उनकी सेवा करनी चाहिए. जितना जल्दी हो सके गायों को चिकित्सा सुविधा दिलाने के लिए अग्रसर रहना चाहिए. सभी को गौशालाओं विशेषकर पशुपालकों की जितनी सहायता कर सकें, उतनी करनी चाहिए. उन्होने कहा कि भगवान तो देता है, लेता नहीं है, भगवान से बड़ा कोई नहीं होता. 

उन्होंने श्रद्वालुओं को रक्तदान करने के लिये भी प्रेरित करते हुए कहा कि हर इंसान धन को दान करने की होड़ में लगा रहता है, क्योंकि उसे पता है कि धन का दान करने से उसका नाम रोशन होगा, लेकिन वह यह नहीं समझ पाता की धन के दान से बड़ा रक्तदान होता है. रक्तदान से इंसान की जिदंगी बचाने का पुण्य कार्य होता है. इसी प्रकार नशा नाश का कारण है, नशा करने से नशा करने वाला व्यक्ति ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और परिवार नष्ट हो जाता है. शराब, बीड़ी, सिगरेट, गुटका, घमंड आदि नशे को तुरंत छोड़ देना चाहिए. मेले में सावन मास के चलते भजन गायिका ज्याति सैनी व ममता सोनी ने बाबा भैरव व माँ कालिका के मधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी. इनके मधुर और उत्साहित भजनों के सुर पर श्रद्धालु झूम उठे.

भैरव धाम राजगढ़ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां किसी भी प्रकार का चन्दा, चढावा, दान, गुप्तदान, पूजा सामग्री आदि स्वीकार नहीं की जाती है. यहां ऐसा माना जाता है कि मसानिया भैरव धार्मिक स्थल पर किसी भी प्रकार का कोई भी चढ़ावा नहीं चढ़ाया जाता है, इतना ही नहीं बल्कि राजगढ़ मसानिया भैरव धाम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को बढ़ने के बावजूद कभी भी किसी को इस क्षेत्र में कहीं भी भीख मांगते हुए नहीं देखा गया.

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