Uma Bharti-Babulal Gaur Political Kissa: 2003 के एमपी चुनाव में उमा भारती के नेतृत्व में बीजेपी को भारी बहुमत मिलने के बाद वह मुख्यमंत्री बनीं. हालांकि, एक साल के अंदर ही जब 10 साल पुराने मामले में उनके नाम पर वारंट जारी हुआ तो उमा को इस्तीफा देना पड़ा. कहा जाता है कि तब उमा भारती ने बाबूलाल गौर को मुख्यमंत्री बनाया था, वो भी ये सोचकर कि जब भी वो कहेंगी, गौर इस्तीफा दे देंगे. यहां तक कि उमा ने गौर को 21 देवी-देवताओं की कसम भी दिलायी. हालांकि, इसके बाद सीएम शिवराज को कमान सौंपी गई तो उमा भारती ने गौर को शपथ की याद दिलाते हुए इस्तीफा न देने को कहा. जिस पर उन्होंने कहा था कि 'आपने शपथ दिलाई थी कि जब आप कहेंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. इस्तीफा न देने की कोई शपथ नहीं थी.
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