सिंगर केके की मौत से फिर उठा सवाल! युवा भारतीयों में क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक?
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सिंगर केके की मौत से फिर उठा सवाल! युवा भारतीयों में क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक?

हार्ट अटैक की स्थिति में शुरुआती 6 मिनट तक मदद ना मिले तो मरीज की जान भी जा सकती है. कार्डियेक अरेस्ट की स्थिति में शुरुआती 6 मिनट में अगर मरीज को सीपीआर मिल जाता है तो मरीज की जान बच भी सकती है. 

सिंगर केके की मौत से फिर उठा सवाल! युवा भारतीयों में क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक?

नई दिल्लीः मशहूर गायक केके की कोलकाता में दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत से हर कोई हैरान है. केके की मौत के साथ ही यह सवाल फिर से चर्चा में आ गया है कि युवा भारतीयों में हार्ट अटैक की समस्याएं क्यों बढ़ रही है? बता दें कि इंडियन हार्ट एसोसिएशन का भी कहना है कि भारतीयों में अन्य भौगोलिक क्षेत्र के लोगों की तुलना में 33 फीसदी ज्यादा जल्दी हार्ट अटैक की समस्या होती है. स्टडी से पता चला है कि भारतीय युवाओं में हार्ट अटैक की समस्या की प्रमुख वजह खराब जीवनशैली, डायबिटीज, एल्कोहल का अधिक मात्रा में सेवन, स्मोकिंग और हाइपरटेंशन आदि वजह हैं. 

क्यों है भारतीय युवाओं को ज्यादा खतरा?
युवाओं में हार्ट अटैक के दौरान अचानक से ह्रदय काम करना बंद कर देता है. इस स्थिति को मेडिकल की भाषा में Sudden cardiac arrest (SCA) कहा जाता है. मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि असामान्य हार्टबीट के चलते इलेक्ट्रिक गतिरोध पैदा होता है और इसके चलते ह्रदय शरीर में ब्लड पंप करना बंद कर देता है. अगर इस स्थिति में शुरुआती 6 मिनट तक मदद ना मिले तो मरीज की जान भी जा सकती है. कार्डियेक अरेस्ट की स्थिति में शुरुआती 6 मिनट में अगर मरीज को सीपीआर मिल जाता है तो मरीज की जान बच भी सकती है. 

अचानक हार्ट अटैक के लक्षणों की बात करें तो छाती में हल्का दर्द, असामान्य धड़कनें, सांस का फूलना, कमजोरी महसूस करना जैसी समस्या हो सकती है. इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलकर सलाह लें. 

इस बात का रखें ध्यान
हमारा ह्रदय हर धड़कन के साथ खून को एक चैंबर से दूसरे चैंबर में धकेलता है, जहां से खून शरीर में संचारित होता है. इस प्रक्रिया को इजेक्शन फ्रैक्शन कहते हैं. सामान्य तौर पर इजेक्शन फ्रैक्शन की दर 55-75 फीसदी होती है लेकिन ह्रदय में समस्या के चलते इस इजेक्शन फ्रैक्शन की दर 35 फीसदी से भी कम हो जाती है. ऐसे लोगों को अचानक से हार्ट अटैक आने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है. इजेक्शन फ्रैक्शन की जांच के लिए डॉक्टर की सलाह से इको कार्डियोग्राम नामक अल्ट्रासाउंड टेस्ट कराया जा सकता है. 

युवाओं को हार्ट अटैक के खतरे से बचने के लिए स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाने की जरूरत है. साथ ही पूरी नींद लेना, तनाव से दूरी, पोषण से भरपूर खाना लेना, शराब का सेवन नहीं करना जैसी सावधानियां रखनी जरूरी हैं. जिन लोगों के परिवार में हार्ट अटैक की हिस्ट्री है तो उन्हें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. 

(डिस्कलेमर- यहां दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान और विभिन्न लेखों पर आधारित है. इस जानकारी की पुष्टि जी मीडिया नहीं करता है. कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह से ही कोई काम करें.)

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