MP Assembly Seat Analysis Gadarwara Constituency: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश की सियासत में सीटों के समीकरण की चर्चा होने लगी है. हम आपको गाडरवारा के इतिहास और समीकरण के बारे में बता रहे हैं. जहां की सीट के स्विंग सीट बताया जाता है.
Trending Photos
Gadarwara Vidhan Sabha Seat Analysis: मध्य प्रदेश में अगले महीने से विधानसभा चुनाव पूरे जोर पर दिखाई देने वाला है. बीजेपी की तीन सूची आने के बाद प्रत्याशियों के साथ ही जातीय समीकरण की चर्चा होने लगी है. आइये बात करते हैं नरसिंहपुर जिले की विधानसभा सीट गाडरवारा के बारे में जिसे स्विंग सीट के नाम से जाना जाता है. इस बार यहां से बीजेपी ने अपने दो बार के सांसद को मैदान में उतारा है. आइये समझे सभी समीकरण.
बीजेपी ने सांसद को उतारा
गाडरवारा से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी ने अपने सांसद को मैदान में उतारा है. भाजपा की दूसरी सूची में यहां से होशंगाबाद सांसद उदयप्रताप सिंह को टिकट दिया गया है. उदयप्रताप 2007 और 2009 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में विधानसभा पहुंचे थे. हालांकि, 2013 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया और 2014, 2019 में होशंगाबाद से बीजेपी की लोकसभा टिकट हासिल कर संसद में जनता प्रतिनिधित्व किया.
ये भी पढ़ें: आज तक लोकल आदमी नहीं बना विधायक, यहां से है सिंधिया समर्थक के नाम गजब का रिकॉर्ड
गाडरवारा का जातिगत समीकरण
गाडरवारा के जातिगत समीकरण की बात की जाए तो यहां सबसे ज्यादा वोटर किरार समाज के हैं. उसके बाद लोधी समाज का नंबर आता है. वहीं अनुसूचित जाति और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है. चुनाव को काफी हद तक क्षत्रिय, सिख और जैन मतदाता भी प्रभावित करते हैं. अनुसूचित जनजाति और क्षत्रियों की संख्या लगभग बराबर है.
ये भी पढ़ें: SC का आरक्षण लेकिन,राजपूतों का दबदबा; क्या कहते हैं अंबाह के सियासी और जातिगत समीकरण
हर बार आता है नया चेहर
गाडरवारा विधानसभा का का एक रिकॉर्ड ये भी है कि इसे स्विंग सीट के नाम से जाना जाता है. इस इलाके की जनता यहां से किसी भी प्रत्याशी को लगातार दोबारा मौका नहीं देती है. पिछले 4 चुनावों की बात की जाए तो 2003 में बीजेपी के गोविंद सिंह पटेल, 2008 में कांग्रेस के साधना स्थापक, 2013 में फिर से बीजेपी से गोविंद सिंह पटेल उसके बाद 2018 में कांग्रेस की सुनीता पटेल को जनता ने यहां से चुनकर भोपाल भेजा.
ये भी पढ़ें: चंबल की इस सीट पर जनता रिपीट नहीं करती MLA, सिंधिया का दाव भी हो गया था फेल
वोटर कैलकुलेशन क्या है
साल 2018 में जारी वोटरों के आंकड़ों की बात करें तो गाडरवारा में 1 लाख 88 हजार 204 मतदाता था. इसमें से महिलाओं की संख्या 88 हजार 246 जबकि, पुरुषों की संख्या 99 हजार 961 है. बता दें 2023 में मतदाताओं की संख्या में बदलाव आया है. हालांकि, अंतर का रेसियो लगभग बराबक ही होगा.
ये भी पढ़ें: धाकड़ vs ब्राह्मण है ये सीट, 10 साल में ऐसे बदले समीकरण; किसे मिलेगा पोहरी का फल
2018 का चुनाव परिणाम
2018 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम की बात करें तो यहां से कांग्रेस की सुनीता पटेल ने जीत हासिल की थी. उन्हें 79,342 यानी कुल वोटिंग के 51 फीसदी वोट मिले थे. जबकि, उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के गौतम सिंह पटेल को 63,979 यानी कुल वोटिंग के 41 फीसदी वोट मिले थे. जोनों के बीच में जीत का अंतर 15,363 मतों का था.
ये भी पढ़ें: 30 साल से कांग्रेस का अभेद्य किला है ये सीट, क्या तोड़ पाएगी BJP; जानें समीकरण
गाडरवाडा की विशेषताएं
- इस विधानसभा क्षेत्र में एनटीपीसी पॉवर प्लांट के साथ ही कोल माइंस भी है
- गाडरवाडा शहर में भगवान शिव का फेमस शिवलिंग है जिसे डमरू घाटी के नाम से जाना जाता है
- गाडरवारा दालों के लिए फेमस है. यहां अरहर के साथ-साथ गन्ने का अच्छा उत्पादन होता है
- इसे क्षेत्र से प्रसिद्ध दार्शनिक रजनीश ओशो संबंध रखते हैं
- फेमस बॉलीबुड स्टार और लेखक आशुतोष राणा भी इसे क्षेत्र से आते हैं
Dhirendra Shastri Vodeo: चुनाव जीतना है तो मानें धीरेंद्र शास्त्री की ये बात, भोपाल में बताई टिप्स