Baba Mahakal: सावन महीने के पहले सोमवार को उज्जैन में बाबा महाकाल की पहली शाही सवारी निकली, जिसमें श्रद्धालुओं की लाखों की भीड़ उमड़ी.
बाबा महाकाल पहले सावन सोमवार को उज्जैन भ्रमण पर निकले. जहां पालकी शाम 4 बजे महाकालेश्वर मंदिर से निकली और फिर शहर के विभिन्न रास्तों से होती हुई वापस मंदिर पहुंची.
बाबा महाकाल ने पहले सोमवार को मनमहेश रूप में भक्तों को दर्शन दिए. सवारी मार्ग में हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल को पुष्प अर्पित कर दर्शन लाभ लिया.
सवारी मंदिर के सभा मंडप से पूजा के पश्चात महाकाल घांटी, गुदरी चोराहे, क्षिप्रा नदी पहुंची जहां बाबा का पूजन हुआ और फिर सवारी शिप्रा नदी से गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए महाकालेश्वर मंदिर में शाम 7 बजे लौटी.
सावन के पहले सोमवार और बाबा महाकाल की पहली सवारी पर मुख्यमंत्री डॉ यादव ने प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि की कामना की और मंशा अनुसार आदिवासी अंचल के कलाकार व मंत्री मंडल से तुलसी सिलावट भी सवारी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते दिखे.
शाही सवारी के बाद बाबा महाकाल की भव्य आरती की गई. इससे पहले पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची तो मध्य प्रदेश पुलिस ने सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दिया.
पालकी में आगे आगे भगवा ध्वज, शंख नाद, कड़ा बिन तोप, आतिशबाजी, घुड़ सवार आकर्षण का केंद्र रहे. वहीं नाचते गाते झूमते भक्त सड़क के दोनों और फूलों की वर्षा करते दिखे. पालकी में ढोल, नगाड़े, डमरू भी शामिल रहे.
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