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Green Steel Summit में शामिल हुए CM साय! बताया कैसे इस समिट से छत्तीसगढ़ का होगा आर्थिक विकास

Green Steel Summit 2024: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्रीन स्टील समिट 2024 में छत्तीसगढ़ की आर्थिक उन्नति और ग्रीन स्टील के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि ग्रीन स्टील से कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा किया जा सकेगा और छत्तीसगढ़ को आर्थिक लाभ होगा. प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की भी सराहना की.

ग्रीन स्टील समिट 2024

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ग्रीन स्टील समिट 2024

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर अटल नगर स्थित मेफेयर लेक रिसार्ट में आयोजित ग्रीन स्टील समिट 2024 में शामिल हुए. इस समिट का आयोजन भारतीय इस्पात उद्योग को कार्बन रहित बनाने के उद्देश्य से किया गया है. समिट में देश भर के प्रमुख उद्योगपति, व्यापारी उपस्थित थे.

 

ग्रीन स्टील के महत्व पर चर्चा

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ग्रीन स्टील के महत्व पर चर्चा

सीएम साय ने इस दौरान कहा कि क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने के लिए पूरी दुनिया ग्रीन स्टील की ओर रुख कर रही है. स्टील के उत्पादन में अग्रणी राज्यों में से एक होने के नाते ग्रीन स्टील छत्तीसगढ़ के लिए भी बड़ी संभावनाएं लेकर आया है. इससे न केवल कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में हमें मदद मिलेगी, बल्कि इस क्षेत्र में नवीन पहल कर हम बड़ी आर्थिक उपलब्धियों की संभावनाओं का द्वार खोल सकते हैं.

 

छत्तीसगढ़ की स्थिति

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छत्तीसगढ़ की स्थिति

इस अवसर पर मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में सीआईआई को आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ भारत का सबसे प्रमुख स्टील निर्माता है. हमारे यहां सार्वजनिक क्षेत्र के भिलाई स्टील प्लांट और नगरनार स्टील प्लांट जैसी बड़ी इकाइयां संचालित हैं, इसके साथ-साथ निजी क्षेत्र के अनेक छोटे-बड़े इस्पात संयंत्र भी संचालित हैं.

भिलाई स्टील प्लांट और स्टील का योगदान

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भिलाई स्टील प्लांट और स्टील का योगदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि भिलाई स्टील प्लांट एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट है और छत्तीसगढ़ में लोहे के विशाल भंडार हैं, जिनमें बैलाडीला, रावघाट और दल्लीराजहरा प्रमुख हैं. छत्तीसगढ़ का देश में कुल उत्पादित स्टील में लगभग 20 प्रतिशत तक का योगदान है और राज्य की अर्थव्यवस्था में उद्योगों की भागीदारी 53.50 प्रतिशत है.

 

प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास

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प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास

मुख्यमंत्री ने इस्पात उद्योग से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की वैश्विक चिंताओं पर भी प्रकाश डाला और कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने का दृष्टिकोण सामने रखा है. उन्होंने केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की सराहना की और राज्य में सौर ऊर्जा और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों का उल्लेख किया.

सीआईआई की भूमिका और समिट का उद्देश्य

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सीआईआई की भूमिका और समिट का उद्देश्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीआईआई का यह समिट भारतीय इस्पात उद्योग को कार्बन रहित बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण प्रयास है. आज हम इस समिट में ग्रीन स्टील जैसे रोचक विषय पर बात कर रहे हैं. इस शब्द में खूबसूरती तो है ही, साथ ही साथ जिम्मेदारी भी है. मुख्यमंत्री ने समिट में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों से ग्रीन स्टील उत्पादन की नई तकनीक को अपनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का आह्वान किया और कहा कि हमारी एकजुटता से हम स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण का निर्माण करते हुए मिलजुलकर विकास करेंगे.

 

अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति

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अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति

इस समिट में देश भर के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जिन्होंने ग्रीन स्टील उत्पादन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों और नई तकनीकों पर अपने विचार साझा किए. इस अवसर पर सीआईआई के पदाधिकारी और उद्योगपति  आशीष सराफ,  सिद्धार्थ अग्रवाल,  सुवेन्द्र बेहरा,  संजय जैन,  पी वी किरण अनंत उपस्थित थे.