उज्जैन का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज, 3R तकनीक से यूज होगा वेस्ट मैटेरियल
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उज्जैन का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज, 3R तकनीक से यूज होगा वेस्ट मैटेरियल

Word record in Ujjain: महाशिवरात्रि के महापर्व पर उज्जैन में हुए दीपोत्सव ने वर्ड रिकार्ड बनाया, जिसके चलते उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ड में दर्ज हो गया है. वहीं इसमें इस्तेमाल होने वाले तेल के खाली डिब्बों, जली हुई रुई के हिस्से और अन्य वेस्ट मैटेरियल को 3R तकनीक से उपयोग में लिया जाएगा.

उज्जैन का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज, 3R तकनीक से यूज होगा वेस्ट मैटेरियल

राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: बाबा महाकाल (mahakal) की नगरी अवंतिका उज्जैनी ने महाशिवरात्रि (mahashivratri) पर्व पर एक नया रिकॉर्ड (new records) अपने नाम किया. श्री महाकाल महालोक बनने के बाद महाशिवरात्रि पर 1दिन में 8 लाख करीब श्रद्धालुओं ने तो भगवान महाकाल के सुगमता से दर्शन लाभ लिए ही लेकिन शिप्रा के घाटों पर 18लाख 82 हजार 229 दीप जला कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया गया. जो कि अपने आप में ऐतिहासिक रहा. सीएम शिवराज (CM Shivraj) को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने सर्टिफिकेट दिया.

बता दें कि सबसे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधन के साथ दीप जलाएं. उसके बाद 22 हजार वोलेंटियर ने एकसाथ दीप प्रज्वलित कर नगरी को रोशन किया. वहीं वर्ल्ड रिकॉर्ड एनाउंस होते ही लेजर शो हुआ आतिशबाजिया हुई, सीएम ने मंच से हर हर महादेव जय श्री महाकाल के जयकारे के साथ आयोजन की पूरी टीम को धन्यवाद दिया, नाव में सवार होकर सभी वोलेंटायर्स का आभार जताया. साथ ही महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था बेहतर होने पर जिला प्रशासन की तारीफ की.

जानिए क्या कहा सीएम शिवराज ने!
सीएम शिवराज ने मंच से कहा कि मैं आप सभी उज्जैन वासियों को बधाई देता हूं. 18,82,229 दीपक जलाकर आपने नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया. महाकाल बाबा की नगरी में आज सब कुछ अलौकिक है. आज से उज्जैन में विक्रम महोत्सव प्रारंभ हो रहा है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आनंद की वर्षा हो रही है. शिव और शक्ति, शक्ति के बिना काम नहीं चलता है. मैं अपनी मां, बहन और बेटियों में देवी मैया को देखता हूं निम्न मध्यमवर्गीय और गरीब बहनों के सशक्तिकरण के लिए हम मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना बना रहे हैं, जिससे उनके खाते में 1,000 रुपये प्रतिमाह आएंगे. अवन्तिका वासियों, जन भागीदारी का ऐसा उदाहरण दुनिया में कहीं और मिलना मुश्किल है. मैं आपका स्वागत करता हूं. सीएम शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एक वैभवशाली, गौरवशाली, शक्तिशाली, सम्पन्न और समृद्ध भारत का निर्माण हो रहा है. मध्यप्रदेश भी पीछे नहीं है, हम भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और आप सभी के सहयोग से मध्यप्रदेश दुनिया का अद्भुत प्रदेश बनेगा. जन भागीदारी की आपने अद्भुत मिसाल पेश की है. हमें स्वच्छता में भी उज्जैन को नंबर एक बनाना है और मध्यप्रदेश को भी नंबर एक बनाना है. मैं मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ूँगा, लेकिन आप भी मेरा साथ देने का संकल्प लें.

20 हजार वॉलेंटियर्स लिए हिस्सा
आपको बता दें कि स्मार्ट सिटी सीईओ व नोडल अधिकारी आशीष पाठक ने बताया कि शिप्रा नदी पर दीप प्रज्वलन के लिये सम्पूर्ण घाटों को पांच ब्लॉक में बांटा गया था. इसमें ‘ए’ ब्लॉक में केदारेश्वर घाट पर, ‘बी’ ब्लॉक सुनहरी घाट पर, ‘सी’ ब्लॉक दत्त अखाड़ा क्षेत्र में, ‘डी’ ब्लॉक रामघाट पर तथा ‘ई’ ब्लॉक भूखी माता. जहां एक ब्लॉक में 225 दीये 2 वॉलेंटियर द्वारा दीप प्रज्वलित किये गए. इस प्रकार एक सब-सेक्टर में 40 से 50 ब्लॉक थे तथा 100 के लगभग वॉलेंटियर्स थे. प्रति 100 वॉलेंटियर्स पर 2 सुपरवाइजर लगाये गए थे और प्रति 1 हजार वॉलेंटियर्स पर 1 कंट्रोल आफिसर नियुक्त किया गया था. अलग अलग समाजों और संस्थाओं द्वारा वॉलेंटियर्स की सूची मिली थीं. विभिन्न सेक्टर वाइज वॉलेंटियर्स के लिये प्रवेश-पत्र बनाये गये थे. कार्ड में होलोग्राम लगाये गये थे. वॉलेंटियर्स को 10 मिनिट की समय-सीमा में दीये जलाकर पीछे हटना था वैसा ही हुआ भी. इसके बाद अगले पांच मिनिटों में ड्रोन से प्रज्वलित दीयों की फोटोग्राफी की गई. यह समय अत्यन्त महत्वपूर्ण रहा और सभी वॉलेंटियर्स को समय-सीमा का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये गये थे जिसका सबने पालन किया आयोजन सफल रहा. वहीं कार्यक्रम के लिये पिछले साल 13हजार वोलेंटियर थे. इस बार 20 हजार वॉलेंटियर्स और अलग अलग जिला अधिकारियों व जनपद स्तर के अधिकारियों को सेक्टर प्रभारी, सुपरवाइजर की ड्यूटियां दी गई थी.

जीरो वेस्ट रहा आयोजन 
शिव ज्योति अर्पण कार्यक्रम जीरो वेस्ट कार्यक्रम रहा. वह इसलिए की इसमें अब रात 10बजे बाद से ही निगम द्वारा खाली तेल की बोतलों को पुन: उपयोग करते हुए उद्यान में कुर्सियां, बेंचेस, गमले आदि बनाये जाने के लिए एक जगह एकत्रित किया जाने लगा. मोमबत्तियों को जलाने के लिये पेपर मैच बॉक्स का उपयोग किया गया था. वहीं जली हुई रूई की बत्तियों को पुन: उपयोग करते हुए रजाई, गाड़ी गद्दे-बिस्तर बनाने में उपयोग होगा. जिससे निगम की स्वच्छता रैंकिंग में फायदा होगा. आयोजन के बाद कुल मिलकर 3R तकनीक का यूज होगा रिड्यूस, रीसाइकल, रियूज. क्योंकि 21लाख दीपक, 52हजार लीटर तेल, 25लाख रूई की बाती, 600kg कपूर 4हजार माचिस का उपयोग हुआ है.

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