Nirmal Sivarajan : 3 दिन बाद पेड़ से फंसा मिला ट्रेनी कैप्टन का शव, जबलपुर से नर्मदापुरम के लिए हुए थे रवाना
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Nirmal Sivarajan : 3 दिन बाद पेड़ से फंसा मिला ट्रेनी कैप्टन का शव, जबलपुर से नर्मदापुरम के लिए हुए थे रवाना

15 अगस्त को जबलपुर से पचमढ़ी के लिए रवाना हुए पचमढ़ी आर्मी एजुकेशन सेंटर के ट्रेनी कैप्टन निर्मल शिवराजन का शव नर्मदापुरम जिले के माखननगर में नसीराबाद रोड बछवाड़ा में नदी के पास मिला है. इससे पहले उनकी कार मिली थी. बताया जा रहा है वो अपनी पत्नी से मिलकर वापस सेंटर ले लिए आ रहे थे.

Nirmal Sivarajan : 3 दिन बाद पेड़ से फंसा मिला ट्रेनी कैप्टन का शव, जबलपुर से नर्मदापुरम के लिए हुए थे रवाना

नर्मदापुरम: पचमढ़ी आर्मी एजुकेशन सेंटर (AIC) के लापता ट्रेनी कैप्टन निर्मल शिवराजन का शव मिल गया है. उनका शव घटनास्थल से दो किमी दूर बबूल के पेड़ पर फंसा हुआ मिला है. कैप्टन 15 अगस्त को जबलपुर से पचमढ़ी के लिए कार से निकले थे. बताया जा रहा है, जबलपुर में भारी बारिश के बीच लेफ्टिनेंट पत्नी से मिलकर लौट रहे थे. उनकी आखिरी लोकेशन नर्मदापुरम जिले के माखननगर में नसीराबाद रोड बछवाड़ा नदी की मिली थी. अब पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. अभी इस बात से पर्दा नहीं उठ पाया है कि ये हत्या है या आत्महत्या.

बबूल के पेड़ में फंसा मिला शव
ट्रेनी कैप्टन निर्मल शिवराजन ( उम्र- 32 साल ) की कार गुरुवार सुबह बछवाड़ा नदी में मिली थी. यह पुल से करीब 100 मीटर दूर गहरे पानी में थी. SDOP मदनमोहन समर ने बताया, कार मिलने के बाद गोताखोर और आर्मी के जवानों के साथ नाव से सर्चिंग ऑपरेशन चलाया गया, जिसके में जवान का शव बबूल के पेड़ में फंसा मिला. शव को पीएम के लिए माखन नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया है.

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पुलिस, आर्मी, SDERF तलाश में जुटी थी
पचमढ़ी आर्मी एजुकेशन सेंटर के कर्नल राजेश पाटिल ने निर्मल शिवराजन की गुमशुदगी की रिपोर्ट पचमढ़ी थाने में दर्ज कराई गई थी. नर्मदापुरम जिले के अलावा रायसेन, सीहोर जिले की शाहगंज पुलिस और आर्मी एजुकेशन सेंटर का स्टाफ नर्मदा नदी के बैक वाटर में कैप्टन को तलाश रहा था. माखन नगर के पास बछवाड़ा गांव में भी नदी किनारे पुलिस, आर्मी SDERF की टीम उन्हें खोज रही थी.

 
कर्नाटक के रहने वाले थे शिवराजन
कर्नाटक के रहने वाले ट्रेनी कैप्टन शिवराजन पचमढ़ी आर्मी एजुकेशन सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे थे. जबलपुर में उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट गोपीचंदा रहती हैं. तीन महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी. 13 अगस्त को वे पत्नी से मिलने जबलपुर गए थे, जहां से 16 अगस्त को सुबह 6 बजे उन्हें सेंटर पहुंचना था, लेकिन वो नहीं पहुंचे. कैप्टन की पत्नी से संपर्क किया गया तो पता चला वे 15 अगस्त को ही कार पचमढ़ी के लिए रवाना हो गए थे.

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भारी बारिश के कारण जवान ने बदला था रास्ता
सोहागपुर एसडीओपी मदनमोहन समर ने बताया, रात 8 बजे पत्नी से उनकी मोबाइल पर आखिरी बार बात हुई थी. जबलपुर से बनखेड़ी, पिपरिया होते हुए पचमढ़ी पहुंचने का सीधा रास्ता है, लेकिन ज्यादा बारिश होने से पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. ऐसे में वे बाड़ी, बरेली, नसीराबाद मार्ग होते हुए पचमढ़ी जा रहे थे. उन्होंने पत्नी से इस बात का जिक्र भी किया था.

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