कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्राइमरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक एजुकेशन सिस्टम खस्ताहाल है. स्कूलों में ना टीचर हैं औ ना ही क्लास रूम.
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आकाश द्विवेदी/प्रिया पांडेय/भोपालः मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल इस रिपोर्ट में पता चला है कि प्रदेश के स्कूलों में कक्षा एक से तीन तक के बच्चों में 75 फीसदी बच्चे शब्द नहीं पढ़ पाते. साथ ही 85 फीसदी बच्चे वाक्य नहीं बना पाते! प्रदेश के हर ब्लॉक में पहली बार सर्वे कराया गया. इस सर्वे के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है.
यह सर्वे हैरान करने वाला इसलिए भी है क्योंकि इस बार के नेशनल सर्वे में मध्य प्रदेश देश के टॉप 5 राज्यों में था. इस रिपोर्ट को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि अब कड़े फैसले लेने का समय आ गया है. हमें 2027 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बड़े बदलाव करने होंगे.
खबर के अनुसार, हर ब्लॉक में 10-10 स्कूलों को चिन्हांकित कर सर्वे कराया गया. सर्वे के बाद अब बच्चों को नए तरीके से पढ़ाने की तैयारी की जा रही है. नए तरीके में बच्चों को स्थानीय भाषाओं और सरल तरीके से पढ़ाया जाएगा. राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस ने रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी.
स्कूल शिक्षा विभाग की रिपोर्ट पर गरमाई सियासत
स्कूल शिक्षा विभाग की रिपोर्ट पर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्राइमरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक एजुकेशन सिस्टम खस्ताहाल है. स्कूलों में ना टीचर हैं औ ना ही क्लास रूम. हालात बद से बदतर है. ना केवल स्कूलों में बल्कि यूनिवर्सिटीज में भी हालत खराब हैं. स्कूल बंद हो रहे हैं. एक तरफ सीएम राइज स्कूल और दूसरी तरफ ये आंकड़ें?
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने निशाना साधा है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि स्कूली शिक्षा द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा उच्च कोटि की हो. यही वजह है शिक्षकों की भर्ती और टैगिंग लगातार जारी है. विश्वास सारंग ने कहा कि सरकार लगातार शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही है.