महाशिवरात्रि के बाद इस मंदिर में खीर खाने से होती है संतान प्राप्ति! प्रसाद लेने विदेश से आई महिला...
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महाशिवरात्रि के बाद इस मंदिर में खीर खाने से होती है संतान प्राप्ति! प्रसाद लेने विदेश से आई महिला...

महाशिवरात्रि के बाद रतलाम के विरुपाक्ष महादेव मंदिर में भक्तों का तांता लगता है, खास तौर पर यहां महिलाएं भक्त ज्यादा आती है. माना जाता है कि यहां का प्रसाद खाने के बाद संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है.

महाशिवरात्रि के बाद इस मंदिर में खीर खाने से होती है संतान प्राप्ति! प्रसाद लेने विदेश से आई महिला...

चंद्रशेखर सोलंकी/रतलाम:  महाशिवरात्रि के पावन पर्व के बाद आज रतलाम के विरुपाक्ष महादेव मंदिर (Shri Virupaksha Mahadev Temple) में बड़ा उत्साह देखा जा रहा है. ये देश ही नहीं दुनिया का सबसे अनोखा शिव मंदिर (SHIV MANDIR) है, जिसे भूल भुलैया वाले शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में हर साल संतान सुख की चाह लिए हजारों लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और खीर का प्रसाद ग्रहण करते हैं. माना जाता है कि जहां महज प्रसाद की खीर खाने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है.

दरअसल रतलाम के बिलपांक गांव ने शिव मंदिर पर आज श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ हैं. प्रसिद्ध विरुपाक्ष महादेव मंदिर वैसे ही अपने प्राचीन कारीगरी और भव्य स्वरूप के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. यहां के 64 खंबों की बनावट और इन्हें गिनने के लिए पूरे वर्ष लोग यहां आते हैं.

हवन के बाद मिलता, खीर का प्रसाद
इस मंदिर में  वर्षों से मान्यता है कि बाबा महादेव के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं जाता. सबसे खास बात ये है मंदिर में महाशिवरात्रि पर यहां 5 दिवसीय हवन होता है लेकिन इस हवन की आहुतियों के दौरान हवन कुंड के ठीक ऊपर खीर का प्रसाद को बांधकर लटकाया जाता है. इस हवन की आहुतियों से इस खीर के प्रसाद में भगवान विरुपाक्ष का विशेष आशीर्वाद मिलता है. जो आज बांटा जा रहा है. 

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संतान प्राप्ति के लिए पहुंची महिलाएं
महाशिवरात्रि पर 5 दिवसीय हवन में तैयार खीर प्रसाद को लेने सिर्फ आज के दिन ही श्रद्धालुओं को मिलता है, और यह प्रसाद विशेष महिलाओं को वितरित की जाती है. मान्यता है कि इस खीर के प्रसाद से निसंतान महिला को संतान प्राप्ति होती है. भगवान विरुपाक्ष महादेव का आशीर्वाद मिलता है. और इसी लिए हर वर्ष महाशिवरात्रि से ज्यादा श्रद्धालु महाशिवरात्रि के 2 दिन बाद यहां पहुंचते हैं. सिर्फ रतलाम और आसपास के जिलों से नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से और विदेश में रहने वाली भारतीय महिलाएं भी इस दिन यह प्रसाद लेने बिलपांक विरुपाक्ष मंदिर आती है.

क्या कहा महिलाओं ने..
यूएस से आई दिशा कौर ने बताया कि मैं अपनी भाभी के साथ यहां पर आए हैं. यहां मैं पहली बार आईं हूं, यहां का मैनेजमेंट बहुत अच्छा है. मुझे मेरी भाभी ने ही बताया है कि जिन्हें बच्चे नहीं हुए, वो यहां का प्रसाद खाएं तो भगवान का आशीर्वाद मिलता है. वहीं सांवेर से आई महिला सोनू पंवार ने बताया कि मुझे बच्चे नहीं हो रहे थे. हमने कई डॉक्टरों को दिखाया, कुछ नहीं हुआ. लेकिन फिर यहां दो साल पहले खीर खाई और मुझे बच्चा हो गया. 

64 खंभों पर की गई नक्काशी
इस मंदिर को भूल भुलैय्या वाला शिव मंदिर भी कहा जाता है क्योंकि इस मंदिर में लगे खंभों की एक बार में सही गिनती करना किसी के बस की बात नहीं है. इस मंदिर के सभी 64 खंभों पर की गई नक्काशी देखने लायक है. इस प्राचीन विरुपाक्ष महादेव मंदिर के अंदर 34 खंभों का एक मंडप है और सभी चारों कोनों पर, खंभों की गिनती 14-14 बनती है जबकि 8 खंभे अंदर गर्भगृह में हैं. ऐसे में एक बार में इन खंभों की सही गिनती करना मुश्किल है.

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