अजब-गजब फैसला: बिना वोटर के गांव में एसटी के लिए कर दी सीट रिजर्व
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अजब-गजब फैसला: बिना वोटर के गांव में एसटी के लिए कर दी सीट रिजर्व

आरक्षण प्रक्रिया के तहत ग्राम पंचायत गुजरा खुर्द की सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी, लेकिन इस वर्ग का एक भी मतदाता यहां पूरी ग्राम पंचायत में नहीं रहता है.

 निवाड़ी

सत्येन्द्र परमार/ निवाड़ी: जिले की गुजरा खुर्द एक ऐसी पंचायत है. जहां ग्राम पंचायत के सरपंच का चुनाव नहीं हो रहा है. कारण यह है कि ग्राम पंचायतों के आरक्षण में सरपंच का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है. जबकि इस ग्राम पंचायत में  अनुसूचित जाति का एक भी मतदाता ऐसा नहीं है जो सरपंच पद के लिए अपनी उम्मीदवारी बना सके. अब अधिकारी इसे आरक्षण में गलती बता रहे हैं. इसी चलते जनपद पंचायत निवाड़ी की ग्राम पंचायत गुजरा खुर्द एक ऐसी ग्राम पंचायत है जहां सरपंच पद के लिए चुनाव नहीं होंगे. 

पूरे ग्राम पंचायत में एसटी वर्ग का एक भी मतदाता नहीं
बता दें कि चुनाव नहीं होने का कारण आरक्षण प्रक्रिया है. आरक्षण प्रक्रिया के तहत ग्राम पंचायत गुजरा खुर्द में सरपंच का पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया, लेकिन पूरे ग्राम पंचायत में इस वर्ग का एक भी मतदाता नहीं है. इसलिए किसी ने नामांकन दाखिल नहीं किया. गांव के लोगों का कहना है कि गांव में एससी/एसटी वर्ग का मतदाता नहीं है, फिर भी ग्राम पंचायत के सरपंच का पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है.

अब 6 महीने बाद होंगे चुनाव 
वहीं इस मामले में ओरछा तहसीलदार का कहना है कि आरक्षण के समय ग्राम पंचायत गुजरा खुर्द की सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी, लेकिन अनुसूचित जनजाति का एक भी मतदाता नहीं है. जिसके कारण किसी ने भी सरपंच के पद के लिए आवेदन नहीं किया. आरक्षण के समय एक गलती के कारण ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित कर दी गई. अब 6 महीने बाद फिर से आरक्षण की प्रक्रिया होगी और फिर चुनाव होंगे. 

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