Kuno Cheetah Death: मादा चीता 'साशा' की मौत पर उठे सवाल! क्या सुप्रीम कोर्ट पहुंचेगा मामला?
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Kuno Cheetah Death: मादा चीता 'साशा' की मौत पर उठे सवाल! क्या सुप्रीम कोर्ट पहुंचेगा मामला?

Kuno Cheetah Death: मध्य प्रदेश के कूनो में नामीबिया लाई गई मादा चीता 'साशा' की मौत हो गई है. इसके बाद से ही बड़े सवाल उठ रहे हैं कि क्या चीता नामीबिया से ही संक्रमित आई थी या उसे यहां बीमारी न जकड़ा था. एक वन्यप्राणी विशेषज्ञ ने सुप्रीम कोर्ट जाने की भी बात कही है.

Kuno Cheetah Death: मादा चीता 'साशा' की मौत पर उठे सवाल! क्या सुप्रीम कोर्ट पहुंचेगा मामला?

Kuno Cheetah Death: भोपाल/श्योपुर। कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में सोमवार को नामीबियाई से आई माता चीता साशा (Sasha) की मौत हो गई. जानकारी के अनुसार, मादा चीता किडनी और लिवर से जुड़े संक्रमण से जूझ रही थी. लेकिन, उसकी मौत के बाद अब कई सवाल खड़े होने लगे हैं. मामले में वन्यप्राणी विशेषज्ञ अजय दुबे ने अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.

क्या नामीबिया से संक्रमित आई थी चीता?
मादा चीता की मौत के बाद एक और सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या वो नामीबिया से ही संक्रमित आई थी या उसे भारत में बीमारी ने जकड़ा था. भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वरिष्ठ विज्ञानियों तथा कूनों नेशनल पार्क प्रबंधन ने चीता कंजर्वेशन फाउंडेशन नामीबिया साशा की ट्रीटमेंट हिस्ट्री ली थी, जिसमें से जाहिर होता है की वो नामीबिया में ही संक्रमित हो गई थी.

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क्या सुप्रीम कोर्ट पहुंचेगा मामला?
वन्यप्राणी विशेषज्ञ अजय दुबे ने 'साशा' की मौत पर गंभीर सवाल उठाए हैं. एक अखबार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ वो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. अजय दुबे ने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च कर वनमंत्री, वन अधिकारी नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका गए थे. तब उन्होंने चीता का स्वास्थ्य क्यों नहीं देखा. उसकी मौत के जिम्मेदार वन अधिकारी हैं. उनपर कार्रवाई होनी चाहिए.

6 माह से थी बीमार
साढ़े चार साल से अधिक उम्र की मादा चीता को सितंबर 2022 में भारत लाया गया था. जनवरी 2023 महीने में साशा में हेपटेरैनल इंफेक्शन (गुर्दे एवं यकृत का संक्रमण) की जानकारी सामने आई थी. तभी से लगातार किडनी और लिवर से जुड़े संक्रमण का इलाज चल रहा था. लेकिन, 27 जनवरी को उसने दम तोड़ दिया.

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पीएम मोदी ने कराई थी पार्क में एंट्री
बता दें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा था. ये माता चीता भी इन्हीं में शामिल थी. आठ चीतों में से पांच मादा एवं तीन नर चीते थे. भारत सरकार ने 1952 में देश में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया था. इसके 50 साल बाद देश में पहली बार चीते आए थे. ऐसे में लोगों में काफी खुशी थी. लकिन, साशा की मौत अब सबको चिंता में डाल दिया है.

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