मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार कई जिले बनाने की घोषणा कर रही है. इस पर कांग्रेस काफी भड़की हुई है. उनका कहना है कि ये सब चुनाव के चलते किया जा रहा है. 40 दिन में 4 जिले जैसी रणनीति बीजेपी को कितना फायदा देगी और ये जरूरत है या मजबूरी !
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MP New District: मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh) में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव ( MP Assembly Election) के मद्देनजर सीएम शिवराज सिंह चौहान ( CM Shivraj Singh Chauhan) लगातार कई प्रशासनिक परिवर्तन कर रहे है. उसी कड़ी में एक के बाद एक कई नए जिलों की घोषणा भी की जा रही है. हाल ही में सीएम ने मऊगंज ( Mauganj) को नया जिला बनाया था. अब मैहर ( Maiher) को नए जिले के रूप में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मऊगंज को लेकर 13 अगस्त को अधिसूचना जारी हुई और 15 अगस्त को ये जिले के रूप में स्थापित हो गया. जाहिर है इस तरह के बदलाव से राजनीति होना स्वाभाविक है. सूबे की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस इन निर्णयों से काफी भड़की हुई है.
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
सरकार द्वारा लगातार जिला बनाए जाने की घोषणा पर कांग्रेस भड़की हुई है. इसी सिलसिलें में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है जिसमें बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एक-एक विधानसभा को जिला बना रहे हैं. प्रदेश को बर्बाद कर रहे हैं. मुख्यमंत्री सत्ता के लिए विधानसभा को जिला बनाते जा रहे हैं. साथ ही ये भी कहा कि मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश की भौगोलिक स्थिति का सर्वनाश कर रहे है और सिर्फ मुफ्त की रेवड़ियां बांटे जा रहे हैं.
कांग्रेस का कहना है कि सरकार 40 दिनों में 4 जिलें बनाने की घोषणा कर चुकी है. बीजेपी जिलों के सहारे चुनावी चाल चल रही है, उनका नया जिला बनाना जरूरी नहीं पार्टी की चुनावी मजबूरी ज्यादा लग रही है. पहले मऊगंज को जिला बनाया और तीन अभी प्रक्रिया में है. इसके पहले 28 जुलाई को नागदा को जिला बनाने की घोषणा के दावे पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी.
सरकार द्वारा की गई घोषणाएं
25 अगस्त को पांढुर्णा को जिला बनाने की अधिसूचना जारी की गई.
सीएम ने पिछोर को जिला बनाने की घोषणा की लेकिन साथ ही ये भी कहा कि ये चुनाव जीतने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
13 अगस्त को मऊगंज की फाइनल अधिसूचना जारी की गई और 15 अगस्त को यह जिला भी बन गया.
5 सितंबर को मैहर को जिला बनाने की घोषणा की थी.
बता दें कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी इस तरह की कोशिश की थी 1998 में उन्होंने सात और 2003 में तीन नए जिले बनाए जाने की घोषणा की थी. शिवराज सिंह अभी भी इसमें पिछे है. खैर अब देखना होगा इसका कितना लाभ किसको मिलता है.