Chandrayaan-3: MP के हीरो ने मिशन में निभाई अहम भूमिका, लैंडिंग के बाद शुरू होगा असली खेल
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Chandrayaan-3: MP के हीरो ने मिशन में निभाई अहम भूमिका, लैंडिंग के बाद शुरू होगा असली खेल

Chandrayaan-3: ISRO के वैज्ञानिकों की इस अभूतपूर्व सफलता को अगर हम विश्व का आठवां अजूबा बोलें तो शायद यह भी कम होगा, क्योंकि भारतीय वैज्ञानिकों ने जो कर के दिखाया है वह किसी बड़े अजूबे से कम नहीं है. चांद तक पहुंचने और फिर चांद के डार्क साइड यानी की दक्षिणी ध्रुव में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत अब विश्व का पहला देश बन गया है.

Chandrayaan-3: MP के हीरो ने मिशन में निभाई अहम भूमिका, लैंडिंग के बाद शुरू होगा असली खेल

Chandrayaan-3 Success Story: चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक चांद पर उतर कर इतिहास रच दिया है. विश्व अब ISRO के महान भारतीय वैज्ञानिकों का लोहा मान रहा है. चंद्रयान-3 में विक्रम लैंडर के सफल लैंडिंग से दुनिया भर के देश भारत को बधाई देते हुए दिखाई दे रहे हैं, लेकिन शायद आपको यह पता नहीं होगा कि चंद्रयान-3 मिशन में रीवा के एक लाल का कमाल भी शामिल है. जिनका नाम तरुण सिंह है. यह एक सीनियर साइंटिस्ट (Chandrayaan-3 Scientist) है, जो कि ISRO में पदस्थ हैं और इनकी ही निगरानी में मिशन चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चांद में लैंडिंग करने वाले विक्रम लैंडर में लगाया गया है, जो कैमरा डेटा कोड के जरिए चांद की तस्वीरें ISRO को भेजेगा.

अब हम बात करेंगे मिशन चंद्रयान से जुड़े एक ऐसे शख्स के बारे में जो कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ISRO में बतौर सीनियर साइंटिस्ट के पद पर हैं. रीवा के रहने वाले तरुण सिंह की उपलब्धि से पूरा विंध्य और रीवा खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है. ISRO के सीनियर वैज्ञानिकों में से एक तरुण सिंह रीवा के छोटे से गांव इटावा गढ़ के रहने वाले है. यहीं पर तरुण ने अपना बचपन बिताया और अब बड़े होकर ISRO में बतौर साइंटिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

रीवा के सैनिक स्कूल से की पढ़ाई
तरुण सिंह के पिता दिलराज सिंह शिक्षक थे. तरुण सिंह 8 भाई हैं, जिसमें से वह 7 वें नंबर के हैं. उनके बड़े भाई शिक्षक विनोद सिंह ने तरूण की परवरिश की. तरुण सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त की. तरुण ने 12वीं तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल रीवा से की. इसके बाद इंदौर SGSITS से तरुण ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इंजीनियरिंग करने के बाद तरुण सिंह ISRO से जुड़ गए.

ISRO ने तरुण को सौंपी थी पेलोड क्वालिटी इंश्योरेंस की जिम्मेदारी
15 साल पहले तरुण सिंह की ज्वाइनिंग तिरुवंतपुरम में हुई, लेकिन स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्होंने अहमदाबाद में अपना तबादला कराया. पिछले 4 सालों से अहमदाबाद में तरुण सिंह चंद्रयान 3 के मिशन में काम कर रहे थे. मिशन चंद्रयान-3 में ISRO ने तरुण सिंह को पेलोड क्वालिटी इंश्योरेंस की जिम्मेदारी सौंपी थी. मिशन चंद्रयान के लैंडर पर लगाया गया कैमरा जो चंद्रमा की तस्वीरें खींच कर डाटा कोड के जरिए ISRO को भेजेगा. यह कार्य तरूण सिंह की निगरानी में होगा.

रिपोर्ट: अजय मिश्रा

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